लातेहार: झारखंड के सबसे पिछड़े जिलों में शुमार लातेहार 19 सालों के बाद भी विकास से वंचित है. जिले में विकास की सच्चाई इसी से समझी जा सकती है कि यहां विज्ञान संकाय की पढ़ाई के लिए एक भी महाविद्यालय नहीं है. स्वास्थ्य सेवा के नाम पर एकमात्र सदर अस्पताल है, जहां प्रबंधन अक्सर चिकित्सकों की कमी का रोना रोता है.
वीडियो में देखें ये स्पेशल स्टोरी सड़क और सिंचाई की व्यवस्था भी लातेहार में काफी लचर है. ऐसे में लातेहार की जनता इस बार के चुनाव में इन्हीं मुद्दों को अपना मेनिफेस्टो बनाना चाहती है. लातेहार जिले की जनता अपने मेनिफेस्टो में मुख्य रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई ,रोजगार और ग्रामीण सड़क जैसी बुनियादी विषयों को ही रखना चाहती है. वास्तव में जब तक यहां बुनियादी सुविधाएं सुलभ ना हो जाएं तब तक बाकी विकास की कल्पना भी कोरी है.
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जनता का मेनिफेस्टो:
- अस्पतालों में एंटी रैबीज इंजेक्शन की व्यवस्था
- सभी जगह लागू हो स्वास्थ्य बीमा कार्ड
- डिग्री कॉलेज का निर्माण
- बेहतर शिक्षा की व्यवस्था
- जर्जर सड़कों का निर्माण
- जमीनी स्तर पर हो सरकारी योजनाएं
- ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई की व्यवस्था
- अस्पतालों में डॉक्टरों की नियुक्ति
- नहरों का निर्माण
- भ्रष्ट्राचार से मुक्ति
- रोजगार की व्यवस्था
खास बातें:
- लातेहार जिले में 2 विधानसभा
- लातेहार विधानसभा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित
- मनिका विधानसभा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित
- जिले में कुल 9 प्रखंड के साथ ही 13 थाना
- शहरी क्षेत्र नगर पंचायत है
- शहरी क्षेत्र नगर पंचायत में 15 वार्ड
- ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 115 पंचायत और 772 गांव
- कुल आबादी 7 लाख 20 हजार
- साक्षरता दर 61.23 प्रतिशत
- लातेहार का क्षेत्रफल 3659.59 वर्ग किलोमीटर
- जिला छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा को छूता है
- लातेहार में महिला पुरुष का अनुपात 964
- 3 कोल खदान कार्यरत