झारखंड

jharkhand

कोडरमा: अंधविश्वास के नाम पर ग्रामीणों ने सैकड़ों बकरे की दी बलि, सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर उड़ी धज्जियां

By

Published : Jun 11, 2020, 2:17 PM IST

कोरोना संक्रमण के बीच कोडरमा के चंदवारा थाना क्षेत्र में ग्रामीणों ने सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई. बता दें कि ग्रामीणों ने पूजा के नाम पर बकरे और मुर्गों की बलि दी और पूरे गांव को कोरोना से बचाने के लिए पूजा अर्चना की.

goats sacrificed to drive away corona in koderma
ग्रामीण

कोडरमा: जिले में आस्था और अंधविश्वास के नाम पर कोरोना संक्रमण के बीच लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई. यह मामला चंदवारा थाना क्षेत्र के उरवा पंचायत का है. जहां कोरोना वायरस से बचाव को लेकर अषाढ़ी पूजा के नाम पर बकरे और मुर्गों की बलि दी गई. वहीं, देवी मंडप मंदिर में कोरोना वायरस से मुक्त दिख रहे लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग की भी जमकर धज्जियां उड़ाईं. पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि वीरेंद्र पासवान इस मामले से खुद का बचाव करते हुए कहा कि हर साल यह परंपरा अपनाई जाती है और यह साल इस परंपरा के नाम पर बकरों की बलि दी गई है.

देखें पूरी खबर

कई घंटों तक सैकड़ों लोग देवी मंडप मंदिर में जमा रहे और आस्था के नाम पर अपनी बारी का इंतजार करते रहे. बेजुबान मुर्गो और बकरों की बलि देकर पूरे गांव को कोरोना से बचाने के लिए पूजा अर्चना की. न किसी ने मास्क पहन रखा था और न ही किसी ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया. जिसे जहां जगह मिली वहीं अंधविश्वास के नाम पर चल रही पूजा में शरीक हुआ.

ये भी देखें-राशन के लिए 'झारखंड बाजार' एप में पंजीयन जरूरी, वरना नहीं मिलेगा सरकारी राशन

वैश्विक महामारी के बीच जहां लोगों की भीड़ इकट्ठा होने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा है तो वहीं देवी मंडप मंदिर में देश के विभिन्न प्रदेशों से आए सैकड़ों प्रवासी मजदूर भी जुटे, लेकिन किसी ने भी सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड-19 के निर्देशों का अनुपालन नहीं किया.

गांव के एक बुजुर्ग जो अंधविश्वास के नाम पर देवी मंडप मंदिर में जमा भीड़ में शामिल था उसने यह स्वीकार किया कि कोरोना संक्रमण से बचाओ के मद्देनजर यह पूजा आयोजित की गई है और दो-तीन दिन पहले से ही यह पूजा आयोजित करने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों के साथ तैयारी की जा रही थी और यह पूजा की गई.

वायरल वीडियो देखकरने लगेकोरोना माई की पूजा

वहीं, साहिबगंज में कोरोना को लेकर अंधविश्वास का मामला देखने को मिला. दरअसल, जिले में एक वायरल वीडियो को सुनकर हजारों की संख्या में महिलाएं गंगा स्नान कर कोरोना माई की पूजा करने पहुंच गई.

ग्रामीण क्षेत्रों में दैवीय प्रकोप मानकर पूजा-पाठ

धनबाद के ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं में कोरोना को लेकर अंधविश्वास देखा गया. महिलाओं ने इसे दैवीय प्रकोप मानकर पूजा-पाठ की. महिलाओं का कहना था कि पूजा-पाठ करने से पूरे देश को इससे मुक्ति मिल जाएगी.

महिलाएं कर रहीं 'कोरोना माई' की पूजा

बता दें कि देशभर में कोरोना संक्रमण फैला हुआ है और इससे बचाव के लिए तमाम तरह के उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन बढ़ती टेक्नॉलॉजी और विज्ञान के दौर में अंधविश्वास भी चरम पर है. छत्तीसगढ़ के भिलाई में कुछ महिलाएं ने कोरोना को वायरस नहीं, बल्कि माई मानकर पूजा कर रहे हैं. उनका मानना है कि कोरोना वायरस नहीं देवी हैं, जो रूठी हुई हैं. इनकी विधिवत पूजा की जाए तो यह हमारा देश छोड़ कर चली जाएंगी. इसलिए वह कोरोना माई की पूजा कर रही हैं.

गौमूत्र-गोबर का प्रयोग से कोरोना का खात्मा

कोरोना वायरस का इलाज भले दुनिया अभी तक नहीं तलाश पाई है, लेकिन उत्तराखंड के लक्सर से भाजपा विधायक संजय गुप्ता ने इसकी दवा बताए. उनका दावा था कि वैदिक परंपराओं के अनुसार हवन यज्ञ और गौमूत्र-गोबर का प्रयोग इसका इलाज है. गोमूत्र सेवन और प्रभावित स्थान पर गोबर के प्रयोग से भी कोराना वायरस को खत्म किया जा सकता है.

अब कोयले से कोरोना का इलाज

कोरोना के कहर से बचने के लिए जहां पूरी दुनिया में अभी तक कोई दवा नहीं बना सकी है. वहीं, पड़ोसी देश नेपाल और उत्तराखंड पिथौरागढ़ जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों ने इसकी दवा खोज ली है. ग्रामीण क्षेत्रों में लोग घर के सामने कुछ दूरी पर जमीन खोदने पर कोयला निकाल रहे हैं और उससे कोरोना वायरस को मारने का दावा कर रहे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details