कोडरमा: जिले में आस्था और अंधविश्वास के नाम पर कोरोना संक्रमण के बीच लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई. यह मामला चंदवारा थाना क्षेत्र के उरवा पंचायत का है. जहां कोरोना वायरस से बचाव को लेकर अषाढ़ी पूजा के नाम पर बकरे और मुर्गों की बलि दी गई. वहीं, देवी मंडप मंदिर में कोरोना वायरस से मुक्त दिख रहे लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग की भी जमकर धज्जियां उड़ाईं. पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि वीरेंद्र पासवान इस मामले से खुद का बचाव करते हुए कहा कि हर साल यह परंपरा अपनाई जाती है और यह साल इस परंपरा के नाम पर बकरों की बलि दी गई है.
कई घंटों तक सैकड़ों लोग देवी मंडप मंदिर में जमा रहे और आस्था के नाम पर अपनी बारी का इंतजार करते रहे. बेजुबान मुर्गो और बकरों की बलि देकर पूरे गांव को कोरोना से बचाने के लिए पूजा अर्चना की. न किसी ने मास्क पहन रखा था और न ही किसी ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया. जिसे जहां जगह मिली वहीं अंधविश्वास के नाम पर चल रही पूजा में शरीक हुआ.
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वैश्विक महामारी के बीच जहां लोगों की भीड़ इकट्ठा होने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा है तो वहीं देवी मंडप मंदिर में देश के विभिन्न प्रदेशों से आए सैकड़ों प्रवासी मजदूर भी जुटे, लेकिन किसी ने भी सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड-19 के निर्देशों का अनुपालन नहीं किया.
गांव के एक बुजुर्ग जो अंधविश्वास के नाम पर देवी मंडप मंदिर में जमा भीड़ में शामिल था उसने यह स्वीकार किया कि कोरोना संक्रमण से बचाओ के मद्देनजर यह पूजा आयोजित की गई है और दो-तीन दिन पहले से ही यह पूजा आयोजित करने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों के साथ तैयारी की जा रही थी और यह पूजा की गई.
वायरल वीडियो देखकरने लगेकोरोना माई की पूजा
वहीं, साहिबगंज में कोरोना को लेकर अंधविश्वास का मामला देखने को मिला. दरअसल, जिले में एक वायरल वीडियो को सुनकर हजारों की संख्या में महिलाएं गंगा स्नान कर कोरोना माई की पूजा करने पहुंच गई.