कोडरमा: जिला में सरकारी स्कूलों की तस्वीर और तकदीर बदलती नजर आ रही है. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ दूसरी गतिविधियों में भी सरकारी स्कूलों के बच्चों को निपुण बनाया जा रहा है. इस दिशा में सरकारी स्कूल निजी स्कूलों को टक्कर देता नजर आ रहा है. कोडरमा में सरकारी स्कूल की शिक्षा व्यवस्था की सूरत बदल रही है. सरकारी स्कूल अब निजी स्कूलों को टक्कर देते नजर आ रहे हैं.
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कोरोना संक्रमण की वजय से एक बार फिर स्कूलों को बंद कर दिया गया है. लेकिन कोडरमा में सरकारी शिक्षा व्यवस्था को बेहतरीन बनाने की कवायद लगातार जारी है. इस दिशा में जिला के मॉडल विद्यालय बनाने के संकल्प को साकार किया जा रहा है. कोडरमा का परियोजना बालिका उच्च विद्यालय (Project Girls High School Koderma) पूरी तरह से मॉडल स्कूल के रूप में तब्दील हो चुका है. यहां पढ़ाई के साथ-साथ दूसरी गतिविधियों के लिए जो सुविधाएं बहाल की गयी हैं वह निश्चित तौर पर निजी स्कूलों को मात देता नजर आ रहा है.
बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कूल में स्मार्ट क्लास, डिजिटल क्लास के अलावा लाइब्रेरी, लैब की व्यवस्था की गयी है. इसके साथ ही बच्चों को खेलकूद की गतिविधियों में आगे बढ़ाने के लिए उनके लिए बैडमिंटन कोर्ट, चेस बोर्ड, लूडो बोर्ड, कैरम और टेबल टेनिस की व्यवस्था की गयी है. जहां इस स्कूल में पढ़ने वाली बच्चियां मनोरंजन के साथ-साथ खेलों में भी निपुण हो रही हैं. परियोजना बालिका उच्च विद्यालय का माहौल कुछ इस तरह से बन चुका है कि बच्चियों को अब इस स्कूल के बजाए घर में मन भी नहीं लगता है. इस स्कूल में पढ़ने वाली छात्राएं भी यह मानती हैं कि जो सुविधा उनके स्कूल में बहाल की गयी है वह निजी स्कूलों में भी नहीं मिल पाता है.
सरकारी स्कूल में डिजिटल पढ़ाई
कोरोना काल में जहां शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई है. वहीं कोडरमा के स्कूलों में लो कॉस्ट और नो कॉस्ट पर कई सुविधाएं भी बहाल की गयी है. यही वजह है कि सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. हालांकि अब 4 फरवरी से झारखंड के कोविड नियम का पालन के साथ सभी स्कूल खोलने का आदेश दे दिया गया है.
पढ़ाई के साथ खेल की भी व्यवस्था स्कूल में चेस का आनंद लेतीं छात्राएं