कोडरमा:समाज और परिवार से ठुकराए लोगों को अब कोडरमा में भटकने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. ऐसे लोगों के लिए जिले का एकमात्र और पहला वृद्धा आश्रम झुमरी तिलैया में बनकर तैयार हो गया है. इसका नाम दूसरा बचपन रखा गया है. इसकी कोशिश है कि बुजुर्गों को वैसी सब सुविधाएं दी जाएं, जैसी बच्चों को दी जाती है. आपको बता दें कि खाली पड़े स्कूल भवन को वृद्धा आश्रम के लिए अधिग्रहित किया गया है और वहां इको फ्रेंडली कमरे के साथ-साथ वृद्ध जनों को दिए जाने वाले आवश्यक सुविधाएं बहाल कर दी गई है.
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वृद्धा आश्रम में कई सुविधाएं: वृद्धा आश्रम में महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग कमरे बनाए गए हैं. वृद्धा आश्रम में डायनिंग हॉल और किचन तैयार हो गया है और दीवारों पर सोहराय पेंटिंग कर यहां रहने वाले वृद्धजनों की जिंदगी को खुशनुमा वातावरण देने का प्रयास किया गया है. खान-पान से लेकर स्वास्थ्य सुविधाएं भी वृद्धा आश्रम में मौजूद रहेगी. इसके अलावा वृद्धजनों के मनोरंजन के लिए किताबें और टीवी भी लगाए जाएंगे.
काउंसलर की भी नियुक्ति: यहां रहने वाले वृद्धजनों के लिए एक काउंसलर की भी नियुक्ति की गई है, जो यहां अलग-अलग परिवार और समाज से ठुकराए जाने के बाद इस वृद्धा आश्रम में रहने वाले बुजुर्गों में आपसी सामंजस्य बनाने का काम करेगा. ताकि एक साथ रहते रहते वृद्धजनों को पारिवारिक अनुभूति प्राप्त हो और वृद्धा आश्रम में खुशनुमा माहौल बना रहे.
19 लोगों को किया गया चिन्हित: फिलहाल, इस वृद्धा आश्रम में निवास करने के लिए कोडरमा स्टेशन पर भटक रहे 10 लोगों और सदर अस्पताल में बिना परिवारिक देखभाल के महीनों से पड़े 9 वृद्धजनों को चिन्हित किया गया है. यह वृद्धा आश्रम समाज कल्याण विभाग के मापदंडों के अनुसार तैयार किया गया है और फिलहाल इसके संचालन का जिम्मा एक संस्था को दिया गया है.