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भगवान ने नहीं दिए हाथ, अब पैर से लिख रही किस्मत, चांदनी की रोशनी से रोशन आसमान - koderma news

भगवान ने चांदनी को दोनों हाथ नहीं दिए. परिवार की लापरवाही से उसका एक पैर भी पोलियोग्रस्त हो गया. लेकिन इसके बाद भी चांदनी का हौसला कम नहीं हुआ. वे आज भी लगन से पढ़ाई कर रही है और टीचर बनने का ख्वाब देख रही है (Chandni Of Koderma Writing Luck With Her Feet ).

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Published : Dec 14, 2022, 6:16 PM IST

Updated : Dec 14, 2022, 6:45 PM IST

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कोडरमा:मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. इन चंद पंक्तियों को कोडरमा के सतगावां प्रखंड स्तिथ कानीकेंद की रहने वाली चांदनी बखूबी चरितार्थ करती नजर आ रही हैं. ऐसा हम इसलिए क्योंकि जहां शारीरिक रूप से जरा सा लाचार होने के कारण लोग हिम्मत हार जाते हैं, वहीं 11 साल की चांदनी के बचपन से ही दोनों हाथ नहीं हैं और वह एक पैर से भी पोलियो ग्रस्त है. बावजूद वह पांचवी कक्षा तक की शिक्षा ग्रहण कर रही है, चांदनी आगे भी पढ़ लिख कर शिक्षक बनना चाहती है, ताकि वह सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में शिक्षा का अलख जगा सके (Chandni Of Koderma Writing Luck With Her Feet ).

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चांदनी उग्रवाद प्रभावित सतगावां प्रखंड स्तिथ कानीकेंद उत्क्रमित मध्य विद्यालय में पांचवी कक्षा में पढ़ाई कर रही है. वह मेघावी होने के साथ-साथ पैरों से लिखती हैं और उसकी राइटिंग देखने लायक है. घर से लेकर स्कूल तक लाचारी और बेबसी को चांदनी ने कभी अपने आड़े नहीं आने दिया. पढ़ाई लिखाई के प्रति चांदनी की लगन को देखते हुए उसका परिवार भी आर्थिक रूप से लाचार होने के बावजूद उसे पढ़ा लिखा कर बड़ा अफसर बनाने में जुटा हुआ है.

पैर से लिखती चांदनी
चांदनी के पिता एक मेहनतकश किसान हैं और अपनी बेटी की मेहनत और लगन के आगे अपना हर कुछ कुर्बान करने के लिए तैयार बैठे हैं, इधर मीडिया से जानकारी मिलने के बाद कोडरमा उपायुक्त आदित्य रंजन ने तत्काल प्रखंड के बीडीओ से बात कर चांदनी का हाल-चाल लेने की बात कही. इसके अलावा चांदनी को पेंशन योजना के अलावा दूसरे सरकारी योजनाओं का लाभ देने का आश्वासन दिया है.चांदनी तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी है और वह सुदूरवर्ती इलाके में रहते हुए सीमित संसाधनों में शारीरिक लाचारी के बावजूद भी वह अपने मुकाम को हासिल करने में जी-जान से जुटी है. जिस शारीरिक लाचारी को चांदनी बचपन से झेल रही है वह शायद ही कोई एक भी दिन झेल पाए, बेबसी के बावजूद चांदनी अपने नाम की तरह जग को रोशन करने में जुटी है.
Last Updated : Dec 14, 2022, 6:45 PM IST

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