खूंटी:राजधानी से सटे खूंटी जिले में सरकारी योजनाएं किस गति से चलती हैं और फाइलों में कितनी उलझती हैं इसको जानना चाहते हैं तो तीन साल पहले (2018 ) शुरू किए गये पेयजल जलापूर्ति योजना के हश्र जान लीजिए. खूंटी नगर पंचायत इलाके के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 2018 में तत्कालीन शहरी विकास मंत्री सीपी सिंह और खूंटी के तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने इस योजना का शिलान्यास किया था. 59 करोड़ की लागत से बनने वाली इस योजना की गति इतनी धीमी है कि जिला प्रशासन के दो बार ब्लैक लिस्ट करने की अनुशंसा के बावजूद इसका काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है.
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जुडको की लापरवाही से लटकी योजना
शहरी जलापूर्ति की इस योजना को पूरा करने का जिम्मा जुडको (Jharkhand Urban Infrastructure Development Company) को दिया गया था. लेकिन साढ़े तीन साल बीत जाने के बाद भी इस योजना का दस से बीस प्रतिशत भी पूरा नहीं हुआ है. जबकि इसे 2 साल में ही पूरा करने का लक्ष्य दिया गया था. जुडको लगातार जिला प्रशासन को ये बताता रहा है कि 18 प्रतिशत कार्य किया जा चुका है लेकिन सच्चाई ये है कि 1 प्रतिशत काम भी 3 वर्षो में पूरा नहीं किया गया. दिशा की बैठक में भी जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री की उपस्थिति में शहरी जलापूर्ति योजना को लेकर सवाल उठाया गया था. उपायुक्त ने मसले पर जुडको से जल्द कार्य कराने का आश्वासन दिया था. लेकिन साढ़े तीन साल बाद भी योजना ढाक के तीन पात ही साबित हो रही है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि शहरी जलापूर्ति योजना आखिर कब तक शुरू होगी और कब खत्म होगी.
निर्माण में देरी पर कोरोना का बहाना