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3 साल से लटकी है 59 करोड़ की पेयजल आपूर्ति योजना, ब्लैक लिस्ट होगी जुडको (JUIDCO) कंपनी - khunti news

खूंटी में जुडको की लापरवाही के कारण 3 साल में पेयजल जलापूर्ति योजना पूरी नहीं हो सकी है. डीसी ने जुडको कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर नई कंपनी से काम शुरू कराने का प्रस्ताव भेजने की बात कही है. इधर, सांसद के जिला प्रतिनिधि ने पूरे मामले में जुडको पर हेमंत सरकार से मिलीभगत का आरोप लगाकर सियासत भी शुरू कर दी है.

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3 साल से लटकी है पेयजल आपूर्ति योजना

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Published : Aug 22, 2021, 3:51 PM IST

Updated : Aug 22, 2021, 6:06 PM IST

खूंटी:राजधानी से सटे खूंटी जिले में सरकारी योजनाएं किस गति से चलती हैं और फाइलों में कितनी उलझती हैं इसको जानना चाहते हैं तो तीन साल पहले (2018 ) शुरू किए गये पेयजल जलापूर्ति योजना के हश्र जान लीजिए. खूंटी नगर पंचायत इलाके के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 2018 में तत्कालीन शहरी विकास मंत्री सीपी सिंह और खूंटी के तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने इस योजना का शिलान्यास किया था. 59 करोड़ की लागत से बनने वाली इस योजना की गति इतनी धीमी है कि जिला प्रशासन के दो बार ब्लैक लिस्ट करने की अनुशंसा के बावजूद इसका काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है.

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जुडको की लापरवाही से लटकी योजना

शहरी जलापूर्ति की इस योजना को पूरा करने का जिम्मा जुडको (Jharkhand Urban Infrastructure Development Company) को दिया गया था. लेकिन साढ़े तीन साल बीत जाने के बाद भी इस योजना का दस से बीस प्रतिशत भी पूरा नहीं हुआ है. जबकि इसे 2 साल में ही पूरा करने का लक्ष्य दिया गया था. जुडको लगातार जिला प्रशासन को ये बताता रहा है कि 18 प्रतिशत कार्य किया जा चुका है लेकिन सच्चाई ये है कि 1 प्रतिशत काम भी 3 वर्षो में पूरा नहीं किया गया. दिशा की बैठक में भी जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री की उपस्थिति में शहरी जलापूर्ति योजना को लेकर सवाल उठाया गया था. उपायुक्त ने मसले पर जुडको से जल्द कार्य कराने का आश्वासन दिया था. लेकिन साढ़े तीन साल बाद भी योजना ढाक के तीन पात ही साबित हो रही है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि शहरी जलापूर्ति योजना आखिर कब तक शुरू होगी और कब खत्म होगी.

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निर्माण में देरी पर कोरोना का बहाना

निर्माण में देरी पर जुडको ने कोरोना का बहाना बनाया था लेकिन जिला प्रशासन ने उसे निर्माण के लिए विशेष अनुमति दी थी. इसके बावजूद कंपनी ने काम शुरू नहीं किया था. पूरे मामले में जिले के उपायुक्त ने कंपनी पर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा है कि कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर किसी दूसरी कंपनी से काम शुरू किए जाने का प्रस्ताव भेजा जाएगा. नगर पंचायत उपाध्यक्ष ने भी बताया कि कई बार नगर पंचायत स्तर से विभाग को पत्राचार कर काम में तेजी लाने के लिए कहा गया था लेकिन उसका असर नहीं हुआ. उन्होंने कहा ये पूरी तरह जुडको की लापरवाही को दिखाता है.

काम में देरी पर सियासत

इधर, सांसद के जिला प्रतिनिधि और नगर पंचायत अध्यक्ष ने इस मसले पर वर्त्तमान सरकार की नीयत पर ही सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि वर्त्तमान सरकार जुडको के साथ मिली हुई है. इसलिए काम नहीं होने के बावजूद सरकार चुप्पी साधे हुई है. उन्होंने कहा जुडको को सरकार का संरक्षण प्राप्त है.

जिले में पेयजल संकट

पेयजल योजना के काम में देरी के कारण जिले को पेयजल संकट से भी जूझना पड़ा है. पानी की किल्लत को देखते हुए जिला प्रशासन ने तजना वियर में बांध का निर्माण करवाया और तजना वियर की सफाई भी करवाई थी जिसके बाद पेयजल संकट का कुछ हद तक समाधान हुआ था. अब सवाल उठ रहा है कि जब संकट के समय तात्कालिक व्यवस्था ही काम करेगी तो इस योजना का क्या काम है. पेयजल योजना के काम की गति को देखकर इस योजना को बंद करने की भी मांग उठ रही है.

Last Updated : Aug 22, 2021, 6:06 PM IST

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