खूंटी: जिले में गांव की सरकार का कार्यकाल 16 दिसंबर 2020 को समाप्त हो जाएगा. वर्तमान हालात को देखकर लगता नहीं है कि समय पर पंचायत चुनाव हो पाएंगे. इसकी मुख्य वजह कोरोना काल को माना जा रहा है. 16 दिसंबर 2020 के बाद गांव की सरकार को भंग कर नई व्यवस्था के तहत विकास कार्यों को गांवों तक पहुंचाने का कार्य करना पड़ेगा. राज्य में पंचायत चुनाव के लिए अब तक घोषणा नहीं हुई है. चुनाव से छह महीने पहले अधिसूचना जारी की जाती है, जो अबतक नहीं हुआ है. ऐसे में जिले के मुखियागन क्षेत्र में बढ़ने वाली समस्याओं को लेकर अभी से परेशान हैं. हालांकि, मुखियाओं ने वैकल्पिक व्यवस्था लागू करने की मांग सरकार से की है.
पंचायत समिति सदस्यों का चुनाव
मुखिया, जिला परिषद सदस्य, वार्ड पार्षद और पंचायत समिति सदस्यों का चुनाव होना है. जिले के पंचायती राज पदाधिकारी प्रेमतोष चौबे ने कहा कि चुनाव के पूर्व कई कार्य करना पड़ता है. दिसंबर में कार्यकाल समाप्त हो रहा है. ऐसे में समय पर चुनाव कराना अब संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि संवैधानिक संकट उत्पन्न न हो इसके लिए छह माह के अंदर चुनाव करा लेना है. दिसंबर जनवरी तक अधिसूचना जारी भी हुए तो चुनाव कराने में छह माह का समय लग जाएगा. उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य चुनाव आयुक्त का पद भी खाली पड़ा है. इस वजह से भी कोई कार्य आगे नहीं बढ़ पाया है. झारखंड में पहली बार पंचायत चुनाव 32 सालों बाद 2010 में हुए थे. इसके बाद 2015 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव चार चरणों मे 22 नवंबर से 12 दिसंबर के बीच कराए गए थे. चुनाव 24 जिलों के 263 प्रखंडों में कराए गए थे. खूंटी जिले में 86 मुखिया, 100 पंचायत समिति सदस्य, 990 वार्ड पार्षद और 10 जिला परिषद सदस्य का चुनाव होना है.
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