खूंटी: शुक्रवार को खूंटी में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शामिल हुए. तीसरे चरण के कार्यक्रम के तहत आयोजित शिविर में अब तक 64 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं. इनमें अबुआ आवास के 34 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त किया गया है.
सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में सीएम हेमंत सोरेन ने 437 करोड़ 48 लाख की 76 योजनाओं का शिलान्यास और 406 करोड़ 20 लाख की 27 योजनाओं का उद्घाटन किया. इसके अलावा 11, 841 लाभुक के बीच 88 करोड़ 64 लाख की परिसंपत्ति का वितरण किया गया. KCC से 4737 और मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना से 15 समेत अन्य योजनाओं से लाभुक आच्छादित हुए. इस मौके पर अपने संबोधन में सीएम ने कहा कि सरकार जो कार्य योजना आपके लिए बनाती है, उसकी गठरी बनाकर गांव-गांव, पंचायत -पंचायत शिविर लगाने का कार्य किया जा रहा है. जब तक मैं हूं पदाधिकारी आपकी समस्याओं के समाधान के लिए आपके द्वार खटखटाने के लिए खड़े रहेंगे.
सीएम हेमंत सोरेन ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड की बेटियां खेल के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर रहीं हैं. झारखंड सरकार ने नई नीति बनाई है, अब खिलाड़ियों को प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है. आने वाले समय में खिलाड़ियों को नौकरी में भी हिस्सा देने का विचार किया जा रहा है. उन्होंने मौके पर बड़ी संख्या में मौजूद लड़कियों को संबोधित करते हुए कहा कि बेटियां सिर्फ डिग्री ना लें, बल्कि इससे आगे उच्च शिक्षा की ओर भी अग्रसर हों. सरकार आपको गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत आर्थिक मदद करेगी. विदेश में भी शिक्षा के लिए शत प्रतिशत छात्रवृत्ति का लाभ मिलेगा.
सीएम हेमंत सोरेन ने उपस्थित जनसमूह से कहा कि आपको ब्लॉक कार्यालय जाने की जरूरत ना पड़े. इसलिए आपके द्वार पर प्रखंड कार्यालय के पदाधिकारियों और कर्मियों बैठा दिया गया है. अगर इस कार्य में कोई बिचौलिया सामने आता है, तो इसकी जानकारी दें, उस पर कार्रवाई की जाएगी.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूर्व की सरकारों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि झारखंड गठन के बाद झारखंड को खजाना मिला था, लेकिन 20 साल में खजाना खाली कर दिया. किसकी जेब मे चला गया ये कोई नहीं जानता. उन्होंने कहा कि गरीबों का हक अधिकार मारा गया है. 20 वर्षो तक लूट का तांडव होता रहा. राज्य पिछड़ा होने का कारण है कि 20 वर्षों में पूर्व की सरकार ने उसे अपने कामों में लगा दिया. जिसके कारण राज्य के ग्रामीणों का बेहतर विकास नहीं हो सका.