खूंटी से वेंटिलेटर और स्टाफ भेजे गए रांची, जिले में शुरू हुई राजनीति
खूंटी जिले से 17 वेंटिलेटर, 10 ऑक्सीजन कंसट्रेटर और 10 स्वास्थ्यकर्मचारी झारखंड की राजधानी रांची में प्रतिनियुक्त कर दिए गए हैं. इस पर विपक्षी दल भाजपा के नेताओं ने सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि जब जिले में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, उस बीच यहां से उपकरण और स्वास्थ्यकर्मी रांची भेजे गए हैं, जो जिले के लोगों के साथ नाइंसाफी है. वहीं सत्ता पक्ष के नेताओं ने स्वास्थ्य मंत्री के फैसले को प्रदेश के लिए हितकारी बताया है.
खूंटी सदर अस्पताल
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Published : May 8, 2021, 4:11 PM IST
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Updated : May 8, 2021, 7:07 PM IST
खूंटीः रांची में कोरोना के प्रसार के चलते शासन ने खूंटी से चिकत्सा उपकरण और स्टाफ राजधानी भेज दिए हैं. इसको लेकर जिले में राजनीति शुरू हो गई है. जिले से 17 वेंटिलेटर, 10 ऑक्सीजन कंसट्रेटर और 10 सीएचओ रांची में प्रतिनियुक्त किए जाने पर भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के प्रतिनिधि ने सरकार के रवैये पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि खूंटी जैसे जिले में जब लगातार संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है तो ऐसे में खूंटी जिले से सामुदायिक स्वास्थ्यकर्मियों समेत स्वास्थ्य उपकरणों को राजधानी में शिफ्ट कराना खूंटी की जनता के साथ नाइंसाफी है. वहीं जिले के सत्तापक्ष के नेताओं ने इसे प्रदेश की बेहतरी के लिए उठाया गया कदम करार दिया है.
खूंटी, मुरहू और तोरपा में बढ़ा संक्रमण खूंटी जिले में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. जिले में अब-तक संक्रमण से मरने वालों की संख्या सौ से ऊपर पहुंच चुकी है. खूंटी, मुरहु और तोरपा प्रखण्ड में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इधर, राज्य की राजधानी में लगातार बढ़ते संक्रमितों के कारण राज्य सरकार ने वेंटिलेटर समेत कई जरूरी स्वास्थ्य उपकरण खूंटी जिले से रांची शिफ्ट करा लिए हैं. साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्यकर्मियों की ड्यूटी भी डेप्यूटेशन के आधार पर राजधानी के बड़े अस्पताल में शिफ्ट करा दिया गया है. इसी को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता आमने सामने आ गए हैं और स्थिति यहां तक बन गई है कि जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर राजनीति होने लगी है.
सत्ता पक्ष-विपक्ष के दावे एक तरफ सत्ता पक्ष से जेएमएम के जिलाध्यक्ष जुबैर अहमद कहना है कि पूरे राज्य में कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से राजधानी में अन्य जिलों से स्वास्थ्यकर्मियों को डेप्युटेशन के आधार पर बहाल किया गया है. यह राज्यस्तरीय मसला है स्वास्थ्यमंत्री ने राज्य की बेहतरी के लिए इस तरह के कदम उठाए हैं. उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन से भी इस मसले पर बात की है. वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दल भाजपा के नेता और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के प्रतिनिधि मनोज कुमार ने सरकार के रवैये पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि खूंटी जैसे जिले में जब लगातार संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है तो ऐसे में खूंटी जिले से सामुदायिक स्वास्थ्यकर्मियों समेत स्वास्थ्य उपकरणों को राजधानी में शिफ्ट कराना खूंटी की जनता के साथ नाइंसाफी है. जिले में कोरोना मामलों पर इस तरह कैसे नियंत्रण किया जा सकेगा? पर्याप्त स्वास्थ्य उपकरण के अभाव और सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मियों की कमी,खूंटी जिले में कोरोना संक्रमण की रफ्तार में अंकुश लगाने में कैसे सक्षम होगा यह बड़ा सवाल है. मनोज कुमार ने इस संबंध में केंद्रीय मंत्री को भी जानकारी दी है.
सरकार से सुविधा बहाल करने की करेंगे मांगः सिविल सर्जन
केंद्रीय मंत्री के प्रतिनिधि ने राज्य सरकार के दो मंत्रियों पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं. उनका कहना है कि वित्त और स्वास्थ्य मंत्री ने जिले की जनता को मरने के लिए छोड़ दिया है जबकि पीएम केयर फंड की राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है. इधर जिले के अधिकारियों का कहना है कि सरकार का जो आदेश था उसका पालन किया गया. रांची में बेड और अन्य उपकरण को आवश्यकता अनुसार दिया गया है. सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार ने कहा कि सरकार से मांग करेंगे कि जल्द ही सुविधा बहाल करें ताकि जिलेवासियों को परेशानी न हो.