रांची/खूंटी:रांची से महज 50 किलोमीटर दूर खूंटी जिला की चर्चा पत्थलगड़ी और नक्सली घटनाओं की वजह से हुआ करता था, लेकिन अब इस जिले में 'जल है तो कल है' का नारा गूंज रहा है. बोरी बांध बनाने का एक अभियान सा चल पड़ा है. 19 जनवरी को मुरहू प्रखंड के सुरूंदा गांव में जल संरक्षण को लेकर ग्रामीणों में एक जबरदस्त जज्बा दिखाई पड़ा. सुबह सात बजे से ही गांव की महिलाएं, पुरूष, बच्चे, बूढ़े सभी सुरूंदा नदी के पास जुटे और दो भागों में बंटकर महज तीन घंटे के अंदर दो बोरी बांधों का निर्माण कर दिया. इससे उत्साहित ग्रामीणों ने एक और बोरीबांध बना डाला. खुशी का मौका था लिहाजा निर्माण स्थल पर ही सामूहिक भोज का आयोजन किया गया.
खूंटी के अलग-अलग गांव में जिला प्रशासन और सेवा वेलफेयर सोसाइटी की पहल पर जनशक्ति से जल शक्ति अभियान के तहत ग्रामीणों को एकजुट कर बोरी बांध बनाया जा रहा है. सुरूंदा में और तीन बोरीबांध जल्द ही बनाए जाऐंगे. ग्राम प्रधान सवना मुंडू ने बताया कि ग्रामसभा में बोरी बांध बनाने के निर्णय के बाद सामूहिक प्रयास से बोरीबांध का निर्माण हुआ. उन्होंने कहा कि गांव में बोरीबांध बनने के बाद अब युवा लगभग 15 एकड़ में तरबूज और सब्जी की खेती करेंगे. उन्होंने बताया कि प्रारंभ में यहां एक एकड़ में लेमनग्रास की खेती भी की जाएगी.
महिलाओं और पुरूषों के अलग-अलग स्नान करने की व्यवस्था
गांव के युवा राय मुंडा ने कहा कि तीन बोरी बांध बनने के बाद महिलाओं और पुरूषों के अलग-अलग स्नान करने की व्यवस्था हो गई है, इन बांधों से नहाने-धोने के साथ मवेशियों को भी पीने का पानी मिल सकेगा. वहीं बेंजामिन मुंडू ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात है कि बोरी बांध के बगल में स्थित तालाब जिसमें मछली पालन किया गया है, बांध का पानी इस साल गर्मी में नहीं सुखेगा, इसकी पूरी उम्मीद है. उन्होंने कहा कि भूगर्भिय जलस्तर बढ़ने से गांव के कुंआ और चापानलों में भी पानी नहीं घटेगा.