खूंटीः जिले में दो समुदायों के बीच हुए हिंसक झड़प के तीसरे दिन जिला प्रशासन ने दोनों समुदायों के प्रबुद्ध वर्ग के साथ शांति समिति की बैठक की. डीसी ने सभी जिलावासियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि अगर किसी भी समुदाय के लोग उपद्रव फैलाने को कोशिश करेगें तो जिला प्रशासन कानूनी कार्रवाई करने को बाध्य है. आने वाले त्यौहारों के दौरान अगर उपद्रव हुआ तो प्रशासन की तरफ से कड़ी कड़ाई की जाएगी.
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बैठक में उपस्थित दोनों समुदाय के प्रतिनिधियों ने कहा कि जिले में कभी भी इस तरह की घटना पहले घटित नहीं हुई है. आगे से दोनों समुदाय के लोग मिलजुलकर आपसी सौहार्द्र कायम रखेंगे. ज्ञात हो कि दो दिन पूर्व रामनवमी के मंगलवारी शोभायात्रा के दौरान हुए पथराव के बाद दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए थे और दोनों समुदाय के बीच झड़प हुई थी. स्थिति तनावपूर्ण होने के कारण पूरे शहर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था. उपद्रव के बाद गुरुवार को शहर में माहौल शांतिपूर्ण है और जनजीवन सामान्य नजर आया.
उपायुक्त की अध्यक्षता में बुलाई गई शांति समिति की बैठक में पूरे जिलेवासी शामिल हुए. जबकि जिले के सभी थाना प्रभारी, बीडीओ, सीओ भी मौजूद रहे. जहां प्रबुद्धजनों ने मंगलवार को हुई घटना के बारे में बताया. केंद्रीय रामनवमी के मंत्री और अंजुमन इस्लामिया के सदस्यों ने बताया कि मंगला जुलूस के दिन दोनों पक्षों के लोग शामिल नहीं थे. कोई बाहरी व्यक्ति ने घटना को आजम देने की कोशिश की थी.
प्रबुद्धजन को सुनने के बाद उपायुक्त शशि रंजन ने कड़े अंदाज में कहा कि दोबारा जिले में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो. यदि फिर हिंसक घटनाएं घटती हैं तो जिला प्रशासन सख्त से सख्त जदम उठाने को बाध्य होगा. सीसीए और रासुका जैसे आईपीसी एक्ट के के तहत कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेंगे. पूर्व की घटना का अलग अलग एंगल से वीडियो बनाकर लंबे समय तक सोशल मीडिया के माध्यम से दिखाना हिंसक प्रवृति को बढ़ावा देने के बराबर है. उपायुक्त ने साफ शब्दों में कहा कि पुलिस प्रशासन आपकी सुरक्षा के लिए है किसी तरह का दबाव बनाने के लिए नहीं. पुलिस प्रशासन भी आपके समाज से है. सबकी किसी न किसी पर आस्था है. पर्व त्योहारों में पुलिस प्रशासन सुरक्षा में मुस्तैद रहती है. जबकि पूरे समाज की जिम्मेवारी है कि शांतिपूर्ण माहौल में सौहार्द्रपूर्ण तरीके से त्योहार मनाया जाए. घटना की पुनरावृत्ति न हो यह सबकी जिम्मेवारी है.