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Khunti Crime News: बालू माफियाओं की नहीं होती सीधी गिरफ्तारी, इस नियम के कारण होती है देरी, पढ़िए पूरी खबर - झारखंड न्यूज

खूंटी एसपी अमन कुमार ने बताया कि माइनिंग एक्ट में सात साल से कम की सजा का प्रावधान है. इस कारण से यह 41 (A) के अंतर्गत आता है. जिसमें सीधे वाहन मालिक की गिरफ्तारी नहीं होती है. इसमें पहले नोटिस दिया जाता है. उसके बाद उसका अनुपालन नहीं करने पर कोर्ट के वारंट के बाद गिरफ्तारी होती है.

Khunti Crime News
खूंटी एसपी अमन कुमार

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Published : Jul 25, 2023, 2:29 PM IST

जानकारी देते खूंटी एसपी अमन कुमार

खूंटी: एसपी अमन कुमार ने बताया कि बालू माफियाओं के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. कहा कि डीएमओ, स्थानीय मजिस्ट्रेट और जिला टास्क फोर्स की सूचना पर कार्रवाई की जाती है. साथ ही लोकल मजिस्ट्रेट और टास्क फोर्स को पुलिस बल भी उपलब्ध कराई जाती है. उन्होंने कहा कि माइनिंग एक्ट में सात साल से कम की सजा होती है, इस कारण से ये मामला 41(A) के अतर्गत आता है. इसमें गाड़ी मालिक की सीधे गिरफ्तारी नहीं होती है. पहले नोटिस देना होता है. बाद में नोटिस का अनुपालन नहीं करने पर कोर्ट से वारंट निकलता है. उसके बाद गिरफ्तारी होती है. कहा कि इसमें समय लगता है.

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खूंटी एसपी ने क्या कहा:एसपी अमन कुमार ने कहा कि जिले और इसके बॉर्डर एरिया की नदियों से अवैध बालू खनन की सूचना मिलते रहती है. जिस पर पुलिस लगातार कार्रवाई करती है. बताया कि ट्रैक्टर और हाइवा से बालू का अवैध उत्खनन एवं परिहवन किया जाता है. इसे रोकने के लिए डीएमओ और स्थानीय मजिस्ट्रेट के साथ साथ टास्क फोर्स के अलावा खूंटी पुलिस कार्रवाई करती रहती है.

डीएमओ, स्थानीय मजिस्ट्रेट और जिला टास्क फोर्स से सूचना मिलने के बाद स्थनीय पुलिस कार्रवाई में शामिल रहती है. कहा कि एफआईआर के बाद कार्रवाई होती है. इसमें तुरंत गिरफ्तारी नहीं होती है. एसपी अमन कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का अनुपालन किया जाता है. माइनिंग एक्ट में सात साल से कम की सजा होने के कारण यह 41(A) के अंतर्गत आता है. जिसमें सीधे गाड़ी मालिक की गिरफ्तारी का प्रावधान नहीं है. इसके लिए पहले नोटिस देना होता है. नोटिस का अनुपालन नहीं करने पर कोर्ट से वारंट जारी होता है. उसके बाद मामले में गिरफ्तारी का प्रावधान है.

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