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नक्सल मुक्त की ओर बढ़ रहा खूंटी, पुलिसिया कार्रवाई से मिल रही सफलता - Khunti news

खौफ और दहशत के नाम से पहचाना जाने वाला खूंटी अब जल्द ही नक्सल मुक्त जिला के रूप में जाना (Khunti moved towards Naxal free) जाएगा. खूंटी पुलिस की ओर से पीएलएफआई और अन्य नक्सली संगठनों के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है.

Khunti Police
नक्सल मुक्त की ओर बढ़ रहा खूंटी

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Published : Dec 30, 2022, 1:10 PM IST

जानकारी देते एसपी

खूंटी : जिला नक्सल मुक्त की ओर बढ़ (Khunti moved towards Naxal free) रहा है. पिछले वर्षों के आंकड़ों के अनुसार नक्सली घटना में कमी आई है. नक्सली खूंटीछोड़ने को मजबूर है. भाकपा माओवादी संगठन हो या पीएलएफआई. दोनों नक्सली संगठनों की गतिविधियां कम हुई है. साल 2022 के अगस्त महीने में खूंटी, सरायकेला और चाईबासा पुलिस के संयुक्त अभियान से भाकपा माओवादी का बड़ा नक्सली काली चरण मुंडा और एक महिला नक्सली के मारे जाने के बाद फिलहाल जिला नक्सल मुक्त है.

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पीएलएफआई सुप्रीमो के पीछे खूंटी पुलिस: सामान्य आपराधिक घटनाओं में लोगों की मौत भी हुई है. लेकिन सभी घटनाओं में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया और जेल भेजा है. हालांकि, अब भी नक्सलियों और अपराधियों के खिलाफ अभियान जारी है. दावा है कि वह भी जल्द ही सलाखों में होगा. पुलिस मुख्यालय ने निर्देशानुसार खूंटी पुलिस लगातार नक्सलियों को नेस्तनाबूद करने की दिशा में कार्य कर रही है. इसमें सफलता मिलने से खूंटी पुलिस गदगद है. भाकपा माओवादियों को जिला से खदेड़ने के बाद पीएलएफआई संगठन को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा. जिले के तोरपा, रनिया, कर्रा और मुरहू इलाके में सक्रिय नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराने के बाद पीएलएफआई सुप्रीमो को नेपाल भागना पड़ा. सुप्रीमो आज नेपाल में छिपा है. लेकिन खूंटी पुलिस उसके पीछे लगी हुई है. पुलिस अधिकारियों की मानें तो सुप्रीमो पकड़ा जाता है तो खूंटी पूरी तरह से अपराध मुक्त हो जाएगा.


वर्ष 2022 खूंटी पुलिस के लिए यादगार: खूंटी पुलिस के लिए उग्रवाद और नक्सलवाद के मामले में वर्ष 2022 उपलब्धियों वाला और गत वर्ष की तुलना में बेहतर साल रहा. इस वर्ष नक्सली घटनाओं में कमी आई है. वर्ष 2022 में जनवरी से नवंबर तक पुलिस और पीएलएफआई उग्रवादियों में महज एक मुठभेड़ चार मई को मुरहू थाना क्षेत्र के कोटा बाड़ेबुरू गांव में हुई थी, जिसमें पीएलएफआइ के दक्षिणी छोटानागपुर जोन कमेटी सचिव लाका पहान मारा गया था. इस वर्ष पीएलएफआइ के 79 उग्रवादी और समर्थक गिरफ्तार हुए हैं. जिसमें एक जनवरी को कर्रा थाना क्षेत्र में एरिया कमांडर मो उमर, 11 फरवरी को मुरहू थाना क्षेत्र से अवधेश जायसवाल उर्फ चूहा, तीन अप्रैल को रनिया थाना क्षेत्र से करमा उरांव, 15 जून को मुरहू थाना क्षेत्र से गजरा कंडीर गिरफ्तार हुआ.


अभियान में बरामद हथियार:पीएलएफआइ के खिलाफ अभियान में चार देसी कारबाइन, एक देसी राइफल, एक देसी बंदूक, एक दो नाली बंदूक, 11 देसी कट्टा, 79 गोली, पांच खोखा, दो वॉकी-टॉकी, दो लाख 30 हजार रुपये नकद, 14 बाइक सहित अन्य सामान बरामद हुए हैं. जबकि माओवादी गतिविधि भी कम रही. पुलिस के साथ माओवादियों की एक भी मुठभेड़ नहीं हुई. इस वर्ष पुलिस ने तीन माओवादी नक्सलियों को गिरफ्तार करने में सफलता पायी है. वहीं 26 मार्च को माओवादी विमल लोहरा उर्फ निलेश ने आत्मसमर्पण किया. माओवादियों के खिलाफ चलाये गये अभियान में इस वर्ष एक देसी कट्टा, तीन गोली, तीन आइडी बम आदि बरामद किया गया.

आपराधिक मामलों में भी आयी कमी :वर्ष 2022 में आपराधिक मामलों में कमी आयी. अक्तूबर के अंत तक कुल 57 हत्याकांड हुए. जो कि पहले के वर्षों की तुलना में कम है. वर्ष 2013 में 109, 2014 में 99, 2015 में 108, 2016 में 74, 2017 में 68, 2018 में 74, 2019 में 81, 2020 में 79 और 2021 में 66 हत्याकांड के मामले सामने आये थे. डकैती का एक, लूट का 10, चोरी के 93, दंगे के चार, अपहरण के 13, दुष्कर्म के 41, आर्म्स एक्ट के सात, अन्य 443 मामले दर्ज किए गए. हाल के दर्ज सभी मामलों का पुलिस ने उद्भेदन कर लिया और कांडों में संलिप्त सभी आरोपी पकड़े गए. वहीं कुछ मामलों में कार्रवाई जारी है.

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