झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

सरकारी आदेश नहीं मानते सरकारी बाबू, दूसरे जिलों से आवागमन कर करते हैं ड्यूटी

कोरोना के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. खूंटी में भी कोरोना के मामले को लेकर रांची के सीमांत पर शिक्षकों और पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है. लेकिन इस दौरान सिर्फ मास्क और हेलमेट की चेकिंग की जा रही है. जिले को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए बाहर से आने वालों की जांच की जानी चाहिए.

corona test of those doing duty by traveling from other districts in khunti
खूंटी पुलिस

By

Published : Apr 18, 2021, 9:58 AM IST

खूंटीः देश समेत राज्य में भी कोरोना का प्रकोप जारी है. वहीं खूंटी में भी कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. वर्तमान में सक्रिय मरीजों की संख्या 614 हो गई है. शनिवार को ही जिले में 127 मरीज मिले थे, जिसमें से 2 की मौत हो गई. सबसे अधिक संक्रमित शहरी इलाकों के रहने वाले है. जिससे जिलावासियों में भय का माहौल है. कोरोना की रोकथाम के लिए बातें बहुत की जा रही हैं, लेकिन जिला प्रशासन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा पाया है. एक-दो दिन मास्क चेकिंग अभियान चलाकर खानापूर्ति की जा रही है. जिले को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए बाहर से आने वालों की जांच की शुरुआत की जानी चाहिए. लेकिन अभी तक इसकी शुरुआत नहीं की जा सकी है.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें-कोरोना इफेक्ट: जैन तीर्थस्थल मधुबन में सन्नाटा, परेशान हैं दुकानदार, डोली मजदूर भी बेहाल



हेलमेट और मास्क चेकिंग
रांची के सीमांत पर शिक्षकों को रोस्टर वाइज ड्यूटी के लिए लगाया गया है. इसमें खूंटी पुलिस के जवान भी शामिल है. लेकिन खूंटी पुलिस सिर्फ शाम सात बजे तक जबकि शिक्षक 24 घंटे के लिए ड्यूटी कर रहे है. कालामाटी के पास ड्यूटी में लगे एक शिक्षक ने बताया कि सिर्फ मास्क देखा जा रहा है, जबकि खूंटी पुलिस के एसआई ने बताया कि हेलमेट और मास्क चेकिंग की जा रही है. किसी की कोई एंट्री नहीं की जा रही. जिससे ये पता नहीं चल पा रहा कि कौन कहा से खूंटी आ रहा है.

2020 में कोरोना को लेकर थी पूरी व्यवस्था
जिले में धड़ल्ले से सरकारी और गैर-सरकारी कर्मी रांची और दूसरे जिलों से आकर ड्यूटी कर रहे हैं. जिस पर जिला प्रशासन का ध्यान नहीं है. इससे जिला प्रशासन की लापरवाही सामने आ रही है. कोरोना की पहली लहर के समय जिले से लगने वाले सभी बॉर्डर को सील कर पुलिस और मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई थी. जिससे बाहर से आने वालों पर नजर रखी जा रही थी. बॉर्डर पर वीडियोग्राफी भी होती थी. चेकिंग में पकड़े जाने के डर से अधिकांश अधिकारी-कर्मी खूंटी में रहने को मजबूर थे, लेकिन दूसरी लहर से किसी तरह का कोई प्रभाव जिले में नहीं पड़ रहा है.

सरकारी कर्मियों का आवागमन
राजधानी और अगल-बगल के जिले से आने वाले लोगों को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. रांची के सबसे निकटतम जिला होने के कारण अधिकारी और कर्मी रांची में रहना अधिक पसंद करते हैं. जबकि अधिकारियों और कर्मियों को जिला मुख्यालय के 7 किलोमीटर के दायरे में रहने का सरकारी आदेश भी है. बावजूद इसे अमल में लाने के लिए कोई भी जिम्मेदार पहल नहीं कर रहा. समाहरणालय, प्रखंड कार्यालय, बैंककर्मी समेत लगभग सभी सरकारी कार्यालयों में पदस्थापित कर्मचारी और जिले के प्रशासनिक पदाधिकारी रांची से ही आवागमन कर ड्यूटी करते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details