खूंटीः केंद्रीय मंत्री और विधायक को 100 बेडेड अस्पताल का शिलान्यास करना था, जिसकी तैयारी भी कर ली गयी थी. लेकिन गुरुवार देर शाम केंद्रीय मंत्री का कार्यक्रम रद्द होते ही समारोह को रद्द कर दिया गया. लेकिन पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री सह बीजेपी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा शुक्रवार को शिलान्यास करने खूंटी ब्लॉक पहुंच गए. लेकिन उन्हें वहां कोई नहीं दिखा. जिससे नाराज विधायक ने कहा कि प्रशासन जनप्रतिनिधियों को परेशान कर रही है, वो इस मामले को विधानसभा में उठाएंगे और विशेषाधिकार समिति से शिकायत करेंगे.
Khunti News: अस्पताल के उद्घाटन में कोई तैयारी ना होने से बिफरे विधायक, कहा- जनप्रतिनिधियों को परेशान कर रहा खूंटी जिला प्रशासन
बीजेपी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने खूंटी जिला प्रशासन पर आरोप लगाया है. विधायक ने प्रशासन पर जनप्रतिनिधियों को परेशान करने का आरोप लगाया है. अस्पताल का शिलान्यास करने पहुंचे तो उन्हें कोई भी अधिकारी नजर नहीं आया, जिससे वो आग-बबूला हो गये.
क्या है मामलाः खूंटी जिले में शुक्रवार को 100 बेडेड क्रिटिकल यूनिट की आधारशिला रखी जानी थी लेकिन ऐन मौके पर कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया. 2 मई से ही क्रिटिकल यूनिट के शिलान्यास का कार्यक्रम तय था लेकिन उसे स्थगित कर 3 मई किया गया फिर 4 मई. शिलान्यास कार्यक्रम लगातार स्थगित और रद्द होने से स्थानीय विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा जिला प्रशासन से नाराज दिखे. जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से क्रिटिकल यूनिट अस्पताल के शिलान्यास के लिए आमंत्रण भी भेज गया था. शुक्रवार सुबह जब विधायक कार्यक्रम स्थल पहुंचे तो वहां पर कोई तैयारी ना देखकर विधायक ने खूंटी सिविल सर्जन से सवाल जवाब किया.
पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री सह स्थानीय विधायक ने कहा कि जिला प्रशासन जनप्रतिनिधियों की गरिमा के साथ खिलवाड़ कर रहा है. उन्होंने कहा कि वो इस मामले को स्पीकर के पास ले जाएंगे और विशेषाधिकार समिति के पास इस बात को रखेंगे. इस प्रकार शिलान्यास का कार्यक्रम तय करके, अपनी मर्जी से स्थगित करना कहीं से भी उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों के प्रति जिला प्रशासन का ऐसा व्यवहार दर्शाता है कि वो जनता के नुमाइंदों को प्रताड़ित कर रहे हैं, पर ऐसा नहीं होना चाहिए.
अस्पताल निर्माण को लेकर भूमि पूजन के कार्यक्रम में जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी शामिल होने वाले थे. स्थानीय विधायक होने के नाते शिलान्यास के लिए सहमति दे दी गयी थी. लेकिन अचानक कार्यक्रम को रद्द करना जिला प्रशासन के नकारात्मक रवैये को दर्शाता है. विधानसभा में मामले को उठाया जाएगा, इस तरह जनप्रतिनिधियों को प्रशासन प्रताड़ित ना करें.