खूंटीः नक्सल प्रभावित जिला के तोरपा प्रखंड के हुसिर और दियांकेल पंचायत ने विकास की तस्वीर बदलकर एक इतिहास रचा है. इन पंचायत के कई गांवों में बड़े पैमाने पर मनरेगा के माध्यम से आम बागवानी की गई है. आम्रपाली, मलिका और दशहरी आम की मिठास ने असम के लोगों को तोरपा खींच लाया. असम की सेस्टा (SESTA) संस्था द्वारा झारखंड में तीन दिवसीय एक्स्पोजर विजिट किया गया. बेखौफ वातावरण मिलने से बाहरी राज्यों के एक्पोजर जिला पहुंच यहां की बागवानी देख रहे है ताकि अपने राज्यों में इसकी शुरुआत की जा सके.
यहां आम बागवानी, सोलर संचालित लिफ्ट इरिगेशन, टीसीबी, इंटेग्रेटेड फार्मिंग, ऑर्गेनिक फार्मिंग और वाटरशेड मैनेजमेंट का बेहतर नमूना ग्रामीणों ने धरातल पर उतारा है. बारिश के पानी को जगह जगह पनसोख्ता बनाकर रिचार्ज भी किया जा रहा है. इससे आसपास की भूमि में नमी बरकरार रहती है और किसान साग सब्जियों की खेती अन्य मौसम में भी करते हैं. इस विजिट का मुख्य उद्देश्य झारखंड में मनरेगा के कार्यों को समझना एवं यहां किस प्रकार से विभिन्न हितधारक मिलकर कार्य करते हैं उसकी जानकारी हासिल करना था. इसके अलावा यहां की आजीविका के ऊपर किए गए कार्यों को समझना और इसका क्रियान्वित असम में करने का उद्देश्य था. इस 40 सदस्यीय टीम (Assam MGNREGA team) में चिरांग जिला के तीन प्रखंडों से इंजिनियर, ग्राम रोजगार सेवक, ग्राम प्रधान, पंचायत चेयरमैन के साथ सेस्टा संस्था के 6 सदस्य भी शामिल रहे.
इस पूरे तीन दिन के दौरे के पहले दिन प्रदान संस्था के सहयोग से बोकारो जिला के पेटरवार एवं कसमार प्रखंड में मनरेगा के कार्यों के दिखाया गया. साथ-ही-साथ वहां के प्रखंड विकास पदाधिकारी के साथ बैठक हुई जिनके द्वारा मनरेगा के कार्यों से अवगत कराया गया. इसके अलावा प्रखंड में महिला मंडल विभिन्न हितधारक के साथ मिलकर कैसे काम कर रही है, उन सारी चीजों को विस्तारपूर्वक असम के मनरेगाकर्मियों की टीम को जानकारी दी गयी.
इस दौरे के दूसरे दिन टीम को खूंटी जिला के तोरपा प्रखंड एवं गुमला जिला के कामडारा प्रखंड में लोगों को मनरेगा के कार्यों से अवगत कराया गया. मनरेगा अंतर्गत विभिन्न कार्यों जैसे आम बागवानी, कुआं, ट्रेंच-कम-बंड, तालाब, डोभा जैसी विभिन्न संरचनाओं को दिखाया गया. कामडारा प्रखंड में टीम के लोगों को मनरेगा के प्लानिंग प्रोसेस को मानचित्र के माध्यम से समझाया गया. इस विजिट के दौरान खूंटी जिला के उप-विकास आयुक्त के मिलने का अवसर प्राप्त हुआ और उनके द्वारा जिला से मनरेगा के कार्यों के मॉनिटरिंग सिस्टम को लेकर एवं क्रियान्वयन के सम्बन्ध में टीम के साथ चर्चा हुई.
तीन दिवसीय दौरे से तीसरे और अंतिम दिन सप्तऋषि सेवा भवन, तुपुदाना, रांची में एक बैठक कर पिछले दो दिनों का अनुभवों को साझा किया गया एवं उनके द्वारा झारखंड के कार्यों को काफी सराहा गया. विशेष रूप से एक्टिव महिला समूहों को धन्यवाद दिया जिन्होंने काफी उत्साह के साथ कार्यों को अंजाम दिया है. इस बैठक में राज्य के मनरेगा सेल, ग्रामीण विकास विभाग से अनुपम भारती एवं मनरेगा प्लानिंग सेल से निहार मोहंती ने हिस्सा लिया. जिन्होंने राज्य मनरेगा के कार्यों को कैसे क्रियान्वयन करती है उसके बारे में साझा किया. उन्होंने विशेष रूप से बिरसा हरित ग्राम योजना एवं दीदी बगिया योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी.
इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि राज्य कैसे विभिन्न हितधारक राज्य, जिला, प्रखंड, पंचायत, जेएसएलपीएस, महिला समूह, लाभुक एवं मजदूर के साथ पारदर्शी रूप से क्रियान्वयन में सहयोग करती है. अंत में प्रदान संस्था के तारक नाथ दास के द्वारा प्रदान संस्था के द्वारा शुरू से मनरेगा के कार्यों को विस्तार रूप से जानकारी दी गयी. साथ ही साथ प्रदान के बिन्जू अब्राहम, बाला देवी एवं सौरभ दत्ता के द्वारा भी संबोधन किया गया. इस कार्यक्रम में असम टीम के द्वारा उपस्थित अतिथियों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया. इस कार्यक्रम का संचालन असम टीम की तरफ से बिटूपन गोगोई एवं प्रदान से तारक नाथ दास के द्वारा किया गया. असम टीम से प्रियंका, अपराजिता, तृष्णा, अंकुश एवं प्रदान टीम से धनंजय कुमार उपस्थित रहे.