जामताड़ा: पत्थर माफियाओं से सांठगांठ करके आदिवासी के धर्म स्थल जाहिर थान को पट्टा पर दे दिया गया है. ग्रामीण अपने जाहिर थान धर्म स्थल को बचाने को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. ग्रामीणों ने गोलबंद होकर प्रशासन से खनन पट्टा रद्द करने की मांग की है.
खनन विभाग का कारनामा
आदिवासियों के धर्म स्थल जाहिर थान को पट्टा के लिए दिए जाने की बात सामने आई है. पत्थर माफियाओं से सांठगांठ कर खनन विभाग ने संथाल परगना टेनेंसी एक्ट का उल्लंघन कर पहले पहाड़ को पट्टा पर दे दिया था. अब आदिवासियों के धर्म स्थल जाहिर को थान को भी नष्ट करने पर तुला हुआ है. मामला कर्माटांड़ प्रखंड क्षेत्र के फौफनाद पंचायत का है. जहां आदिवासियों के धर्मस्थल जाहिर थान को पत्थर कारोबारियों ने खनन विभाग से सांठगांठ कर ले लिया है. इसी के विरोध में आदिवासी ग्रामीण गोलबंद होकर अपने जाहिर थान को बचाने को लेकर प्रशासन से खनन पट्टा रद्द करने की मांग कर रहे हैं.
ग्रामीण ने जताया विरोध
गांव के लोगों को जब इस बात का पता चला कि उनके धार्मिक स्थल पर जाहिर थान को भी लीज पर दे दिया गया है और पत्थर माफिया कारोबारियों की तरफ से उनके जाहिर थान को नष्ट किया जाएगा. इसे लेकर ग्रामीण गोलबंद हो गए और इसकी शिकायत प्रशासन से की. ग्रामीण जनता का कहना है कि किसी भी हाल में यहां पर खनन पट्टा होने नहीं दिया जाएगा. उनका यह मंदिर है. धार्मिक आस्था है. गलत तरीके से यहां खनन पट्टा दिया गया है और यह रद्द होना चाहिए.