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जामताड़ा: ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों में लटका ताला, झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे जनता

कोरोना काल में जामताड़ा के ग्रामीण क्षेत्र की जनता भगवान भरोसे है. अधिकतर गांव के स्वास्थ्य केंद्रों में ताला लटका हुआ है. ग्रामीणों को झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराना पड़ता है, जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : May 19, 2021, 6:16 PM IST

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स्वास्थ्य केंद्र में ताला

जामताड़ा: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में पूरा देश तबाह है. जामताड़ा में भी कोरोना तेजी से पांव पसार रहा है, लेकिन जिले के अधिकतर गांव के स्वास्थ्य केंद्रों में ताला लटका हुआ है. ऐसे में ग्रामीणों को इलाज के लिए झोलाछाप डॉक्टरों पर निर्भर रहना पड़ता है.

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अधिकतर ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में लटका ताला
जामताड़ा के लगभग सभी ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों में पहले से डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की कमी थी, जिससे क्षेत्र के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन इस कोरोना काल में अस्पतालों में जो भी मौजूद स्वास्थ्यकर्मी और डॉक्टर थे उन्हें भी विशेष जांच और टीकाकरण अभियान में लगा दिया गया है, जिसके कारण अस्पतालों में ताला लटका हुआ है. अस्पतालों में डॉक्टरों के नहीं रहने से लोग काफी परेशान हैं.



क्या कहते हैं ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्रों में ताला बंद रहता है, कभी कोई आता है कभी नहीं आता है, मजबूरी में गांव के डॉक्टर से ही इलाज कराना पड़ता है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य केंद्र में कोई व्यवस्था नहीं रहने के कारण उन्हें झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे ही रहना पड़ता है.

स्वास्थ्य केंद्र में ताला

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झोलाछाप डॉक्टरों से स्वास्थ्य विभाग की अपील

जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के कहर से बचाव के लिए झोलाछाप डॉक्टरों से सहयोग करने की अपील की है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी प्रखंड के झोलाछाप डॉक्टरों के साथ बैठक की है और विशेष प्रशिक्षण देकर इस महामारी में कार्य करने को लेकर दिशा निर्देश जारी किया है. ग्रामीण डॉक्टरों से कहा गया है कि वे गांव के लोगों को जागरूक करें और संक्रमण के लक्षण पाए जाने पर उन्हें इलाज की सुविधा मुहैया कराएं.



क्या कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करने के लिए सहिया को पोस्टर दिया गया है, साथ ही चिकित्सा व्यवस्था के लिए गांव के डॉक्टरों के साथ बैठक कर उन्हें प्रशिक्षण दिया गया है, समय-समय पर गांव में कैंप लगाकर विशेष जांच होती है.


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प्रवासी मजदूरों के लिए बनाया गया क्वॉरेंटाइन सेंटर
जामताड़ा में बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूर या कोई अन्य लोग वह संक्रमित हैं या नहीं है. इसकी पहचान कैसे हो इसकी कोई व्यवस्था नहीं की गई है. हालांकि इस बारे में जामताड़ा जिला स्वास्थ्य विभाग के एसीएमओ डॉ एस के मिश्रा ने बताया कि सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी किया गया है, जो भी बाहर से प्रवासी मजदूर जामताड़ा में प्रवेश करेंगे उसके लिए एक क्वॉरेंटाइन सेंटर मिहिजाम में बनाया गया है, जहां सारी सुविधा उपलब्ध है, प्रत्येक गांव में यह संभव नहीं है.

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