जामताड़ा: साइबर अपराध के मामले में देशभर में जामताड़ा काफी मशहूर है. जामताड़ा को साइबर अपराध का हब माना जाता है. जामताड़ा पर लगे इस बदनुमा दाग को मिटाने के लिए पुलिस अब नई रणनीति के तहत काम कर रही है. पुलिस अब जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है. इसके तहत पुलिस अब साइबर अपराधियों के साथ-साथ साइबर अपराध को संरक्षण देने वालों का समर्थन करने वालों पर भी सख्त कार्रवाई करेगी.
अभी सिर्फ साइबर अपराधियों के खिलाफ होती है कार्रवाई: अब तक जामताड़ा साइबर थाना पुलिस और जिला पुलिस प्रशासन साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए साइबर अपराधियों के खिलाफ ही कार्रवाई करती थी. लेकिन नई जीरो टॉलरेंस रणनीति के तहत अब पुलिस उन लोगों पर भी कार्रवाई करेगी जो साइबर अपराधियों को बढ़ावा देते हैं या उन्हें संरक्षण देते हैं. चाहे वे कोई भी हों, पुलिस अब उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करेगी.
क्या कहते हैं एसपी?:जामताड़ा एसपी अनिमेष नैथानी ने साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए पुलिस द्वारा अपनाई जा रही जीरो टॉलरेंस नीति की नई रणनीति के बारे में जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए पुलिस जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है. साथ ही साइबर थाने में अतिरिक्त महिला पुलिस बल और पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती की जा रही है. साइबर थाने को महिला थाने से भी टैग किया जा रहा है. एसपी ने कहा कि इस जीरो टॉलरेंस नीति के तहत साइबर अपराध को संरक्षण या समर्थन देने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी.
करमाटांड़ और नारायणपुर साइबर क्राइम का गढ़:जामताड़ा के साइबर अपराधियों ने घर बैठे पूरे देश में नेटवर्क फैला रखा है, जहां से वे खाताधारक का खाता पल भर में साफ कर देते हैं. हालांकि, साइबर अपराध पर नकेल कसने के लिए जामताड़ा में साइबर थाना खोला गया है. लगातार छापेमारी की जा रही है. इसके बावजूद साइबर अपराधी साइबर अपराध को अंजाम देने के लिए हर दिन नए-नए तरीके अपना रहे हैं और लोग साइबर अपराध का शिकार हो रहे हैं.