झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

रघुवर के खिलाफ हेमंत सोरेन हैं बेहतर चेहरा, महागठबंधन के होंगे नेता: बादल पत्रलेख

जरमुंडी विधानसभा के कांग्रेस विधायक बादल पत्रलेख ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उनका कहना है कि उन्हें विश्वास है कि आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ गठबंधन कर बेहतर प्रदर्शन करेगी.

डिजाइन इमेज

By

Published : Oct 25, 2019, 12:49 PM IST

दुमका: जरमुंडी विधानसभा के कांग्रेस विधायक बादल पत्रलेख को विश्वास है कि आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ गठबंधन कर बेहतर प्रदर्शन करेगी. वे कहते हैं रघुवर दास के खिलाफ हमारा चेहरा हेमंत सोरेन होंगे. बादल पत्रलेख ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

कांग्रेस विधायक बादल पत्रलेख से खास बातचीत

'कांग्रेस ग्रासरूट पर कर रही है वर्क'
दुमका जिले के जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र के विधायक बादल पत्रलेख का कहना है कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ग्रासरूट लेवल पर वर्क कर रही है. इस बार जमीनी नेता को टिकट मिलेगा. हमारा मुद्दा होगा रघुवर सरकार जो विकास का ढिंढोरा पीट रहे रहे हैं, लेकिन धरातल पर वैसा कुछ नहीं. राज्य की जनता कराह रही है. जनता को इन्हीं सच्चाई से अवगत कराना हमारा मुख्य मुद्दा होगा.

ये भी पढ़ें- वांटेड अपराधी चढ़ा पुलिस के हत्थे, कई संगीन अपराधों को दे चुका है अंजाम


विकास कार्यों में हमारे साथ बढ़ता गया भेदभाव
बादल पत्रलेख का कहना है कि उनके 5 साल के कार्यकाल में विपक्ष के विधायक होने की वजह से भेदभाव बढ़ता गया. जरमुंडी विधानसभा के विकास के लिए विधानसभा में कई बार मुद्दा उठाया, लेकिन उनकी बातों को दरकिनार कर दिया गया. अलग-अलग विभागों के सचिवों से भी मुलाकात की पर उन्होंने भी नहीं सुनी. बादल पत्रलेख का कहना है कि भाजपा सरकार जो सबका साथ सबका विकास का नारा देती है उसमें सच्चाई बिल्कुल नहीं है. यहां सिर्फ सत्ता पक्ष के विधायकों की बात सुनी जाती है.

ये भी पढ़ें-रांची के बुंडू से 6 महीने के बच्चे का अपहरण, 6-7 की संख्या में पहुंचे थे हथियारबंद अपराधी

हेमंत सोरेन का नेतृत्व महागठबंधन के लिए जरूरी
बादल पत्रलेख ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में रघुवर दास के सामने हेमंत सोरेन को लाना होगा. उन्होंने कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है, लेकिन इसे उन्होंने पार्टी के वरीय नेताओं को भी अवगत कराया है. उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि जब बिहार में नीतीश कुमार का नेतृत्व अमित शाह स्वीकार करते हैं तो हमें हेमंत सोरेन का नेतृत्व स्वीकारने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details