जामताड़ा: धनबाद और जामताड़ा, दो जिला को जोड़ने वाली बराकर नदी के बिरगांव बरबंदिया नदी घाट पर बनने वाला पुल बरसों से अधूरा पड़ा हुआ है. बरसों बीत गए आज भी यह पुल अधूरा पड़ा हुआ है, इस दौरान विभिन्न नाव हादसों में अब तक 14 लोगों की जान भी चली गई. आज भी लोग जान जोखिम में डालकर आने जाने को मजबूर हैं. लेकिन सरकार का ध्यान अब तक इस पर नहीं गया है.
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पुल निर्माण कार्य शुरू होने से लोगों को जगी थी उम्मीदः आज से करीब 15 वर्ष पूर्व बराकर नदी के बिरगांव बर बिंदिया नदी घाट पर करोड़ों की लागत से पुल निर्माण काम का शुभारंभ हुआ. इससे यहां के लोगों को उम्मीद थी कि अब उनके दिन बहुरेंगे और आने जाने में सहुलियत होगी. पुल बनने से क्षेत्र का विकास होगा, रोजगार के लिए ज्यादा भटकना नहीं पड़ेगा, इसके साथ ही धनबाद आने जाने के लिए दूरी भी कम हो जाएगी. लेकिन सारी उम्मीदों पर तब पानी फिर गया, जब हल्की बारिश में पुल का पिलर पानी में बह गया और यह पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया तब से पुल अधूरा पड़ा हुआ है.
क्या कहते हैं स्थानीय विधायकः जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी बराकर नदी पर पुल बनाने का भरोसा लोगों को दिलाया. विधायक ने कहा कि पुल बनाने की मांग वर्षों से की जा रही है इसे लेकर वो सरकार से मिलकर पुल निर्माण की दिशा में सकारात्मक कदम उठाएंगे. इससे पहले नाव हादसे में शिकार हुए मृतक आश्रितों को सरकार द्वारा मुआवजा राशि प्रदत्त के दौरान घटना को लेकर मृत परिवार वालों को आंसू पोंछने का काम विधायक ने किया.
कोरा साबित हो रहा माननीयों का आश्वासनः बराकर नदी के बिरगांव नदी घाट पर पुल निर्माण को लेकर कई बार सरकार और प्रशासन के द्वारा स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया गया. यहां तक कि नाव हादसे की घटना के बाद मुख्यमंत्री और सरकार ने लोगों को आश्वासन दिया था कि शीघ्र ही बराकर कर नदी के बिरगांव बिंदिया घाट पर पुल बनेगा. लेकिन उनका आश्वासन कोरा ही साबित हो रहा है.
नाव हादसे में 14 लोगों की मौतः करीब 1 साल पूर्व 24 फरवरी 2022 को जामताड़ा नाव हादसे में 14 लोगों की जान जा चुकी है. धनबाद बरबंदिया घाट से नाव पर सवार होकर करीब 19 लोग जामताड़ा बिरगांव आ रहे थे. इसी बीच आंधी तूफान के कारण नाव बीच नदी में पलट गयी और 14 लोगों की डूबकर मौत हो गई. जिसमें बच्चे महिलाएं पुरुष शामिल थे. सरकार ने आश्रितों को मुआवजा भी दिया लेकिन इसमें पांच मृतक आश्रितों को मुआवजा नहीं मिल पाया था. जिसे स्थानीय विधायक ने विगत दिनों जाकर मुआवजे का भुगतान किया.
सपना बनकर रह गया बराकर नदी पर पुल का निर्माणः दो जिला को जोड़ने वाली बढ़ाकर नदी के बिरगांव और दरभंगिया घाट पर बनने वाला पुल कब पूरा होगा यह जामताड़ा के लोगों के लिए सिर्फ एक दिवास्वप्न बनकर रह गया है. इस नाव हादसे के एक साल बाद भी पुल निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया. इससे लोगों में निराशा है, स्थानीय शीघ्र ही पुल बनाने की मांग सरकार से कर रहे हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि उन्हें मजबूरी में जान जोखिम में डालकर आना-जाना करना पड़ता है. पुल बन जाने के बाद उनकी सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी. लेकिन नाव हादसे में 14 लोगों की जान जा चुकी है, फिर भी सरकार अभी तक नहीं जगी है.