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जामताड़ा में दलित पीड़ित परिवार को मिला न्याय, थाना प्रभारी पर गिरी गाज

जामताड़ा में घर और जमीन से बेदखल कर दिए जाने के मामले में इंसाफ की गुहार लगा रहे 5 दलित पीड़ित परिवार को इंसाफ मिल गया है. प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए पीड़ित के जमीन और घर को मुक्त करा दिया है, साथ ही स्थानीय थाना प्रभारी को सस्पेंड कर दिया है.

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Published : Apr 11, 2021, 7:27 PM IST

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पीड़ित परिवार को मिला न्याय

जामताड़ा: जिले के चिरूडीह गांव में दबंगों ने 5 दलित पीड़ित परिवार को घर और जमीन से बेदखल कर कब्जा कर लिया है. न्याय की गुहार के लिए पीड़ित परिवार लगातार धरना दे रहे थे. इस मामले की जांच जिला प्रसासन के ओर से की जा रही थी. जांच रिपोर्ट में स्थानीय थाना प्रभारी की लापरवाही सामने आई है, जिसके बाद नारायणपुर थाना प्रभारी दयाशंकर राय सस्पेंड करने का आदेश दिया गया. पीड़ित परिवार ने एससी-एसटी थाना में आवेदन देकर शिकायत की थी.

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उपायुक्त ने दलित पीड़ित परिवार के मामले में गठित जांच कमेटी रिपोर्ट के आधार पर पीड़ित परिवार के घर और जमीन को अवैध कब्जा से मुक्त कर करवा दिया है, साथ ही पीड़ित परिवार के साथ कोई अनहोनी न हो इसके लिए गांव में सुरक्षा के लिए चौकीदार को ड्यूटी पर लगाने के आदेश दिया है.

दलित परिवार के घर और जमीन पर कब्जा
जामताड़ा के नारायणपुर थाना अंतर्गत चिरूडीह गांव में 5 दलित परिवार के घर और जमीन पर गांव के दबंगों ने कब्जा कर लिया था, जिसके बाद पीड़ित परिवार ने बच्चों के साथ नारायणपुर थाना में शिकायत की थी, लेकिन नारायणपुर के थाना प्रभारी ने कोई कार्रवाई नहीं की. पीड़ित परिवार को थाना से जब थाना से न्याय नहीं मिला तो उन्होंने उपायुक्त के पास जाकर न्याय की गुहार लगाई, साथ ही एसटी-एससी थाना में आवेदन भी दिया. इसके बाद भी जब आरोपी पर कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने सड़क किनारे धरना शुरू कर दिया, जिसके बाद उपायुक्त ने एसडीओ की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी गठन करने का आदेश दिया. इस मामले की जांच की जा रही थी.



जांच के लिए बनाई गई थी टीम
उपायुक्त फैज अक अहमद बताया कि 5 दलित पीड़ित परिवार को घर और जमीन से बेदखल करने के मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई गई थी, टीम के रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि कार्रवाई नहीं किए जाने पर संबंधित थाना के थाना प्रभारी को सस्पेंड करने को कहा गया है. साथ ही एसटी-एससी थाना में महिलाओं के ओर से जो आवेदन दिया गया, उस पर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. उपायुक्त ने बताया कि पीड़ित परिवार का जो जमीन और घर है उसे अवैध कब्जा से मुक्त कर दिया गया है.

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अनुसूचित जाति आयोग ने लिया संज्ञान
दलित पीड़ित परिवार अपने घर और जमीन के लिए धरना देकर इंसाफ की भीख मांग रहे थे. इस मामले को लेकर राजनीति हो रही थी. वहीं अनुसूचित जाति आयोग ने भी इस मामले में संज्ञान में लिया था और डीसी, एसपी से रिपोर्ट मांगी थी. अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष 12 अप्रैल को जामताड़ा पहुंचेंगे. आयोग अपने स्तर से जांच कर कार्रवाई कर रही है.

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