जामताड़ाः जिले के सुदूर ग्रामीण आदिवासी इलाकों में प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था का हाल बेहाल है. जिसकी पोल खोल रहा है जामताड़ा का बरमसिया आदिवासी ग्रामीण इलाके का प्राथमिक विद्यालय. स्कूल में बच्चें की उपस्थिति ना के बराबर रहती है. पारा शिक्षक के भरोसे स्कूल है और वो भी नशे में चूर रहते हैं. सरकारी तंत्र और शिक्षा विभाग के पदाधिकारी इन सब से बेखबर हैं.
बच्चों की उपस्थिति जीरोः झारखंड के संथाल आदिवासी सुदूर ग्रामीण इलाकों में शिक्षा व्यवस्था का हाल क्या है यह जानना है तो जामताड़ा के बरमसिया प्राथमिक विद्यालय में देख सकते हैं. विद्यालय में बच्चे पहुंचते ही नहीं हैं. बच्चों की उपस्थिति ना के बराबर में रहती है, जबकि रजिस्टर में बच्चों की उपस्थिति दिखा दी जाती है.
नशे में रहते हैं मास्टर साहबः आश्चर्य की बात यह है कि पूरे बरमसिया प्राथमिक विद्यालय में एक ही पारा टीचर है. वह भी नशे में चूर रहते हैं. जब ईटीवी भारत की टीम ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था का हाल जानने विद्यालय पहुंची तो वहां मात्र एक बच्चा ही उपस्थित पाया गया और गुरु जी नशे में चूर पाए गए. जब विद्यालय के पारा टीचर से पूछा गया कि आप नशे में हैं, विद्यालय में बच्चे नहीं है. इस पर अपना बचाव करते हुए बहाने बनाने लगे. कहा कि गांव में पूजा थी इसलिए थोड़ा पी लिए, बच्चे स्कूल नहीं आए हैं.
बंद रहता है कार्यालयःबरमसिया प्राथमिक विद्यालय का कार्यालय बंद था. आश्चर्य की बात है कि इतने बड़े विद्यालय में एक पारा टीचर और कोई टीचर नहीं है. जब गुरु जी से पूछा गया कि कार्यालय बंद क्यों है तो उन्होंने बताया कि घर में चाभी छूट गई. रजिस्टर के बारे में पूछा गया कि अटेंडेंस कहां बनाते हैं तो उन्होंने बताया कि अपने थैला में रजिस्टर रखते हैं और घर में जाते हैं. गुरुजी से पूछा गया कि विद्यालय में कितने नामांकित बच्चे हैं तो 21 बताया गया.
मूलभूत सुविधाओं की घोर कमीः सवाल उठता है कि आखिर एमडीएम का भोजन, बच्चों का कैसे अटेंडेंस बन रहा है, भोजन कहां बनता है, जबकि विद्यालय में कहीं भोजन बनते नहीं पाया गया. विद्यालय में पानी की व्यवस्था नहीं है. शौचालय भी बदहाल है. आलम यह है कि विद्यालय का शौचालय भी बदहाल है. गंदगी से पटा हुआ शौचालय पाया गया. पानी की भी व्यवस्था नहीं है. एक चापाकल है तो वह भी खराब पड़ा हुआ है. एक नई बोरिंग की गई है, लेकिन वह चालू नहीं हो पाया है. बच्चों के हाथ धोने के लिए बना यूनिट भी पूरी तरह से जर्जर पड़ा हुआ है. जिसे देखने वाला कोई नहीं है.