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CLW ने राष्ट्र को समर्पित किया 100वां विद्युत रेल इंजन, चिरेका महाप्रबंधक ने दिखाई हरी झंडी

भारतीय रेलवे की सहयोगी उत्पादन इकाई चितरंजन रेल इंजन कारखाना (चिरेका) ने कोविड-19 काल में तमाम सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए 100वां विद्युत रेल इंजन का उत्पादन करने में सफलता हासिल की है. चिरेका के महाप्रबंधक ने एक समारेह में हरी झंडी दिखाकर रेल इंजन को राष्ट्र को समर्पित किया.

CLW ने राष्ट्र को समर्पित किया 100वॉ विद्युत रेल इंजन
CLW dedicated 100th electric rail engine to nation in jamtara

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Published : Sep 8, 2020, 10:18 PM IST

जामताडा: चिरेका की ओर से उत्पादित 100वां विद्युत रेल इंजन देश सेवा को समर्पित किया गया. चिरेका के महाप्रबंधक ने एक समारेह में हरी झंडी दिखा कर रेल इंजन को राष्ट्र को समर्पित किया. अधिक जानकारी के लिए @ 9163340004 पर संपर्क कर सकते हैं.

सुरक्षा के नियमों का भी रखा गया ख्याल

भारतीय रेलवे की सहयोगी उत्पादन इकाई चितरंजन रेल इंजन कारखाना (चिरेका) ने कोविड-19 काल में तमाम सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए वित्तीय साल 2020-21 में अब तक 100वां विद्युत रेल इंजन का उत्पादन करने में सफलता हासिल की है. चिरेका ने उत्पादित 100वां रेल इंजन (डब्लूएजी9एचसी/32904) को मंगलवार को देश सेवा के लिए समर्पित किया है. इसे चिरेका के महाप्रबंधक प्रवीण कुमार मिश्रा की ओर से चिरेका साईडिंग से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. इस मौके पर चिरेका के वरीय अधिकारी उपस्थित रहे. इस दौरान कोविड-19 की सतर्कता और सुरक्षा के नियमों का भी ख्याल रखा गया.

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राष्ट्र की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान


इससे पहले अप्रैल और मई महीने में भी 70 कार्य दिवसों में 50 रेल इंजन और अगले 50 रेल इंजन केवल 32 कार्य दिवसों में उत्पादित किए गए. वर्तमान वित्तीय साल में 102 कार्य दिवसों में 100 रेल इंजन का निर्माण किया गया, जबकि वित्तीय साल 2019-20 में 97 दिनों में 100 रेल इंजन का निर्माण किया गया था. चिरेका महाप्रबंधक प्रवीण कुमार मिश्रा की प्रेरणा और प्रोत्साहन रूपी मार्गदर्शन से उत्पादन और आपूर्ति क्षमता को गति मिल रही है.

इलेक्ट्रिक इंजन उत्पादन कर विश्व कीर्तिमान स्थापित करने में चिरेका सक्षम हुआ है. चिरेका ने 2018-19 और 2019-20 में क्रमशः 402 और 431 इलेक्ट्रिक इंजन का उत्पादन करके विश्व कीर्तिमान बनाया है. चितरंजन रेल इंजन कारखाना इस वैश्विक महामारी कोरोना काल के बावजूद अपना रेल इंजन उत्पादन करने में काफी सफल रहा है और राष्ट्र की प्रगति में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने में सफल रहा है, साथ ही निरंतर विकास के प्रगति के पथ पर अग्रसर है.

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