जामताड़ा: चितरंजन रेल कारखाना ने 150वां रेल इंजन उत्पादन करने में सफलता प्राप्त किया है. जिसे चिरेका के महाप्रबंधक ने राष्ट्र की सेवा के समर्पित किया है.
चिरेका की तरफ से उत्पादित 150वां रेलइंजन का लोकार्पण
चित्तरंजन रेलइंजन कारखाना (चिरेका) की तरफ से कोरोना संकट से उत्पन्न बाधा के बावजूद निर्माण कार्य को रफ्तार प्रदान करते हुए. 150वें रेलइंजन का सफल उत्पादन किया गया. 150वें रेलइंजन, डब्लूएजी-9/एचसी (32922 श्रेणी सोमवार को, प्रवीण कुमार मिश्रा, महाप्रबंधक, चिरेका की तरफ से चिरेका लोको साईडिंग से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. इस अवसर पर सभी विभागाध्यक्ष, अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण भी उपस्थित रहे. इस दौरान कोविड-19 के सुरक्षा को लेकर निर्धारित आवश्यक मानकों का भी पालन किया गया.
129 कार्य दिवस में चिरेका ने 150 रेल इंजन बनाया
इस वित्तीय वर्ष 2020-21 में 100 रेलइंजन 102 कार्य दिवसों में और आगे के 50 रेलइंजन सिर्फ 27 कार्य दिवसों में बनाकर कुल 129 कार्य दिवसों में 150 रेलइंजन बनाए जो कि पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 में 150 रेलइंजन 128 कार्य दिवसों में बनाए गए.
जामताड़ा: 150वां रेल इंजन का सफल उत्पादन, चिरेका के महाप्रबंधक ने राष्ट्र को किया समर्पित
जामताड़ा जिले में चितरंजन रेल कारखाना ने 150वां रेल इंजन उत्पादन में सफलता पाई है. इसके तहत महाप्रबंधक ने रेल इंजन के सफल उत्पादन को राष्ट्र को समर्पित किया है.
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कोविड-19 और सावधानियां का किया गया पूरा पालन
सनद रहे कि रेलइंजनों का उत्पादन करते समय, चिरेका इकाई के कर्मचारी और सुपरवाइजर की तरफ से कोरोना वाइरस के खिलाफ सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी तरह की सावधानी बरती जा रही हैं. जैसे चेहरे को मास्क से ढकना, सुनिश्चित दूरी बनाए रखना, नियमित हाथों की सफाई और जन-स्वास्थ्य कर्मचारियों दावरा कार्य स्थल की साफ- सफाई करना.
2018-19 में चिरेका ने 402 लोको का उत्पादन कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था
चिरेका ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में 402 लोको का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था. जिसे लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स की तरफ से सम्मानित किया गया था. इसके साथ ही गत वर्ष 2019-20 में 431 रेल इंजन बनाकर नया विश्व कीर्तिमान स्थपित किया है. चितरंजन रेल इंजन कारखाना इस कोरोना के बावजूद सावधानिया वरते हुए लगातार नित्य अति आधुनिक रेल इंजन उत्पादन कर अपनी सफलता और प्रगति की ऊंचाई को छूने में सफल रहा है.