जामताड़ा: चिरेका में बना 250वां रेल इंजन का लोकार्पण कर राष्ट्र की सेवा के लिये समर्पित किया गया. चिरेका महाप्रबंधक ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस अवसर पर सभी विभागध्यक्ष, अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित रहे. इस दौरान कोविड-19 की सुरक्षा को लेकर निर्धारित आवश्यक मानकों का भी पालन किया गया.
चितरंजन रेल इंजन कारखाना के जरिए निर्माण कार्य को रफ्तार प्रदान करते हुए 250वें रेल इंजन का सफल उत्पादन किया गया. वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 में उत्पादित 250वें रेल इंजन, डब्लूएजी-9/एचसी (33071 श्रेणी) को सतीश कुमार कश्यप, महाप्रबंधक, चिरेका ने वीआईपी लोको साइडिंग से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
जानकारी के अनुसार चिरेका ने चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान मात्र 188 कार्य दिवसों में अब तक 250 रेल इंजन का उत्पादन कार्य सफलतापूर्वक किया. वहीं, आखिरी 50 रेल इंजन सिर्फ 29 कार्य दिवसों में बनाये गये हैं, जो चितरंजन रेल इंजन कारखाने के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. इस उपलब्धि के लिए महाप्रबंधक ने चिरेका की पूरी टीम की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी.
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एशिया का सबसे बड़ा रेल इंजन बनाने वाला कारखाना चिरेका रेल इंजन कारखाना अपनी सफलता की ओर लगातार अग्रसर है. कोविड-19 महामारी संकट के बावजूद चितरंजन रेल कारखाना अपने सभी सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए नित्य नए रेल इंजन का निर्माण कर देश और राष्ट्र की सेवा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है.