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SPECIAL: औषधि पौधों से तेल निकालकर महिलाएं बन रही है आत्मनिर्भर, पढ़ें ये रिपोर्ट

हजारीबाग में पंद्रह सौ महिलाओं का समूह खेती कर औषधि पौधों से तेल निकालने का काम कर रही हैं. साथ ही जंगल से औषधी फल जमा कर यह महिलाएं आर्थिक रूप से सबल भी हो रही हैं.

Women becoming self-sufficient in hazaribag
Women becoming self-sufficient in hazaribag

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Published : Oct 9, 2020, 3:28 PM IST

Updated : Oct 9, 2020, 3:48 PM IST

हजारीबाग: मेहनत अगर सही लगन और ईमानदारी के साथ किया जाए तो बंजर भूमि में भी फूल खिल उठते हैं. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है, हजारीबाग के दारू प्रखंड की महिलाओं ने. लगभग 1200 महिलाओं ने यह बीड़ा उठाया है. पंद्रह सौ महिलाओं का ये समूह खेती कर औषधिय पौधों से तेल निकालने का काम कर रहा है. साथ ही जंगल से औषधी फल जमा कर यह महिलाएं आर्थिक रूप से सबल भी हो रही हैं.

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1,200 से अधिक महिलाएं कर रही है खेती

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले ही आज आत्मनिर्भर भारत को लेकर आम जनता को प्रेरित किया है, लेकिन इससे 2 साल पहले ही दारू प्रखंड की महिलाएं आत्मनिर्भर होने की ओर अपना कदम उठाया और आज इनका कारवां आगे बढ़ चुका है. आलम यह है कि इन महिलाओं से बना हुआ उत्पाद महानगरों तक पहुंच रहा है. हजारीबाग जिले के दारू प्रखंड की महिलाएं औषधि पौधों से तेल निकाल कर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कार्य कर रही है. पेटू स्थित ग्रामीण सेवा केंद्र से जुड़ी लगभग 1200 से अधिक महिलाएं खेती से लेकर तेल निकालने तेल और अन्य सामानों की पैकेजिंग करने का काम कर रही हैं. इसके माध्यम से प्रतिमा 3 से 5000 से अधिक की आमदनी प्रत्येक महिलाओं को हो रही है.

क्या कहती हैं ग्रामीण सेवा केंद्र की अध्यक्ष

ग्रामीण सेवा केंद्र की अध्यक्ष राखी देवी का कहना है कि तुलसी, लेमन ग्रास, सिंड्रेला का तेल निकालकर इसे पैकिंग करती हैं. फिर इन्हें बाजारों में बेचती हैं. यही नहीं जंगलों से औषधि फल को लाकर भी उस का चूर्ण बनाकर बाजारों में उत्पाद बेजते हैं. उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे पैकेट करके महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बंगाल सहित अन्य स्थानों पर हमारा उत्पाद पहुंचता है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन रही हैं.

समय का हो रहा है सदुपयोग

तेल निकालने के काम में लगी सिता देवी कहती है कि पहले उनके पास कुछ काम नहीं था. आज तेल निकालने का काम कर रही है. समय का सदुपयोग हो रहा है. साथ ही साथ पैसा भी कमा रही हैं और अपनी पहचान भी जिला से लेकर अन्य राज्यों में बना रही हैं. अब दूसरे राज्य की महिलाएं को भी उन लोगों से सीख लेने का काम कर रही है.

जिला प्रशासन ने किया मदद

महिलाओं के इस प्रयास को जिला प्रशासन ने भी मदद किया है. दारू प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी रामरतन वर्णवाल का कहना है कि ग्रामीण विकास विभाग जेएसपीएल के सहयोग से महिलाओं को आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. आज महिलाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत से प्रेरणा पाकर खुद भी आत्मनिर्भर बन रही हैं और इस प्रखंड का नाम रोशन कर रही हैं. हमें इन महिलाओं पर गर्व है.

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10 एकड़ जमीन में खेती

महिलाओं ने 10 एकड़ जमीन में लेमनग्रास और 5 एकड़ जमीन में तुलसी का खेती किया है. जब पौधा तैयार हो जाता है, तो उसे काटकर फैक्ट्री में लाती है, जहां उसे बॉयलर में डाला जाता है और फिर पूरे प्रक्रिया तेल निकाला जाता है. इस प्लांट को लगाने में लगभग 10 लाख रूपए का खर्च किया गया, जिसके लिए ग्रामीण विकास विभाग ने उन लोगों को मदद किया है.

महिलाओं से प्रेरणा लेने की जरूरत

निसंदेह महिलाओं का यह कदम आज प्रेरणा का स्रोत पूरे हजारीबाग जिला समेत राज्यों में हो रहा है. जरूरत है ऐसी महिलाओं से हर एक व्यक्ति को सीख लेने की तभी हम अपने जीवन में सफल हो सकते हैं. ईटीवी भारत भी महिलाओं के इस कदम को सलाम करता है.

Last Updated : Oct 9, 2020, 3:48 PM IST

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