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हजारीबाग में अंधविश्वास का खेल जारी, डायन-बिसाही के नाम पर महिला की जमकर की पिटाई - हजारीबाग में डायन के नाम पर महिला की पिटाई

हजारीबाग में एक महिला को डायन बताकर ग्रामीणों ने जमकर धुनाई कर दी. जिसमें वह बुरी तरह से घायल हो गई. घायल महिला का इलाज सदर अस्पताल में जारी है. इस मामले को लेकर पीड़ित के परिजनों ने थाने में भी शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन पुलिस इसपर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.

Woman beaten in Hazaribag
डायन बिसाही के नाम पर महिला की जमकर की पिटाई

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Published : Jan 13, 2020, 11:25 PM IST

हजारीबाग: आज हम 21वीं सदी में जी रहे हैं. लोग चांद पर भी चले गए, लेकिन अभी भी झारखंड के ग्रामीण क्षेत्र में लोग पुराने युग में ही जी रहे हैं. अभी भी लोग डायन बिसाही पर विश्वास कर रहे हैं और इसे लेकर महिलाओं को प्रताड़ित भी कर रहे हैं. ऐसा ही मामला हजारीबाग के सुदूरवर्ती चुरचू थाना के चीचीकला गांव में सामने आया है, जहां भरी पंचायत के सामने महिला को बुरी तरह पीटा गया और अभी वह सदर अस्पताल में मौत से जूझ रही है.

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हजारीबाग के चूरचू थाना अंतर्गत चनारो पंचायत के चीचीकला गांव में 40 वर्षीय महिला को भरी पंचायत के सामने उनके ही परिवार के लोगों ने जमकर पिटाई कर दी. परिजनों का आरोप है कि महिला डायन है और उसने अपने ही परिवार के एक सदस्य को जादू से मार दिया है. इस बात को लेकर पहले पंचायत की गई और पंचायत में उस महिला को बुलाया गया, जिसके बाद बेरहमी से उसकी पिटाई की गई. गंभीर रूप से घायल महिला को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.

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दरअसल गांव की एक महिला जो पीड़िता के ही परिजन थे उसकी तबीयत खराब हो गई, जिसे हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उसे रिम्स रेफर कर दिया. रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. शव गांव लाया गया और उसका अंतिम संस्कार किया गया. 12 दिन बीत जाने के बाद लोगों ने ओझा को बुलवाकर पूछा कि आखिर महिला कैसे मरी. इस पर ओझा ने बताया कि किसी ने इसे भूत से मरवाया है और उसने पीड़ित महिला पर आरोप लगा दिया. इसके बाद गांव वालों ने पंचायत बुलायी और भरी पंचायत में महिला को पीटा. उसके पति और उसके बेटे की भी जमकर पिटाई की गई.

पीड़ित के परिजन शिकायत लेकर थाने भी गये और थाने में मामला दर्ज भी कराया गया है, लेकिन यहां भी परिजनों को प्रशासन का सहयोग नहीं मिला. थाना में पीड़िता का आवेदन बदल दिया गया. ऐसे में अब पीड़ित के परिजन यह उम्मीद लगा रहे हैं कि कोई उसे न्याय दिलाए.

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