हजारीबागः जिले में 18 सितंबर को दलित नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया. पीड़ित परिवार वालों ने थाने में आरोपी का नाम बताते हुए शिकायत की है, लेकिन आरोपी गिरफ्तार नहीं किया जा सका है. वहीं, दूसरी ओर पीड़ित नाबालिग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती है, जहां जीवन-मौत से जूझ रही है. इस पीड़ित लड़की और परिजनों से मिलने बीजेपी के तीन विधायक अस्पताल पहुंचे और घटना की जानकारी ली.
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चंदनकियारी विधायक अमर बाउरी, सिमरिया विधायक किशुन दास, कांके विधायक समरी लाल के साथ साथ पूर्व विधायक ब्रज मोहन राम, बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारी शामिल थे. विधायकों ने नाबालिग बच्ची और उसके परिजनों से मिलने के बाद राज्य सरकार और जिला प्रशासन पर कई गंभीर सवाल खड़े किए. विधायक अमर बाउरी ने आरोप लगाते हुए कहा कि गैर बीजेपी शासित राज्यों में दलित, शोषित, वंचित, आदिवासी महिलाओं और लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं बढ़ गई हैं. इसमें झारखंड का नाम सबसे ऊपर है.
पीड़ित परिवार से नहीं मिला प्रशासन
अमर बाउरी ने कहा कि 10 दिनों से पीड़ित लड़की जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है, लेकिन जिला प्रशासन और राज्य सरकार के आंखों में आंसू नहीं है. अपनी बेटी को 25 लाख का मुआवजा देने में उन्हें शर्म आ रही है. उन्होंने कहा कि हजारीबाग के डीसी ने अब तक पीड़ित बच्ची से मुलाकात तक नहीं की है. इसकी वजह है कि पीड़ित बच्ची दलित परिवार से है.