हजारीबागः कहते हैं आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है. जैसे-जैसे लोगों आवश्यकता बढ़ता चला गया वैसे-वैसे संसाधन कि खोज भी होता चला गया. हजारीबाग में मांडू प्रखंड के सिसामो गांव में बिजली बिल का भुगतान नहीं करने को लेकर विभाग के द्वारा बिजली काट दी गयी. लेकिन ग्रामीणों ने अपनी मोबाइल चार्ज करने का जुगाड़ निकाल लिया है. यहां गांव में युवा सोलर प्लेट से मोबाइल चार्ज करते हैं.
जानिए, किस गांव में जुगाड़ से चार्ज होता है मोबाइल
जुगाड़ से मोबाइल चार्ज, सुनने में थोड़ा अजीब जरूर है. लेकिन हजारीबाग के सिसामो गांव में युवा सोलर प्लेट से मोबाइल चार्ज करते हैं. ईटीवी भारत की रिपोर्ट से जानिए, आखिर क्या है इस गांव की कहानी.
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मोबाइल आज के समय सबसे महत्वपूर्ण सामान हो गया है, जिसके बिना शायद ही कोई रह पाए. अगर मोबाइल डिस्चार्ज हो जाए तो आदमी परेशान भी हो जाता है. हजारीबाग के मांडू प्रखंड के सिसामो गांव में बिजली बिल नहीं देने के कारण पूरे गांव का ही कनेक्शन काट दिया गया. गांव के लोगों का कहना है कि वो गरीब हैं और बिजली बिल नहीं दे सकते हैं. ऐसे में विभाग के द्वारा कार्रवाई की गयी है. गांव की बिजली काट देने के कारण मोबाइल चार्ज करना भी मुश्किल हो गया है.
ऐसे में गांव के युवकों ने खराब पड़े सोलर जल मीनार की सोलर प्लेट से मोबाइल चार्ज करने का तिड़कम निकाल लिया है. ग्रामीणों का कहना है कि सौर ऊर्जा से संचालित जल मीनार पिछले 2 सालों से खराब पड़ा है और यह शोभा की वस्तु बन कर गया है. सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण यहां पदाधिकारी कम ही पहुंचते हैं. ऐसे में जल मीनार को बनाने के लिए भी कोई नहीं आया. लेकिन जल मीनार का सोलर प्लेट काम कर रहा है. ऐसे में लोग सोलर प्लेट से मोबाइल चार्ज करते हैं. दिनभर इसके नीचे गांव की युवकों का मजमा लगा रहता है. दिन के वक्त लगभग 50 से अधिक मोबाइल चार्ज होते रहता हैं. युवकों का कहना है कि 2 घंटे के अंदर उनका मोबाइल चार्ज हो जाता है.