हजारीबाग:गरीबी मजबूरी और लाचारी क्या होती है अगर जानना है तो सहदेव राम से पूछिए, जो आवास के अभाव में अपना सिर शौचालय में छिपा रहे हैं. सुनने में तो अजीब जरूर लग रहा है, लेकिन यह सच्चाई है. हजारीबाग जिला मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर दूर दारू प्रखंड के मेडकुरी पंचायत के जमुवा में सहदेव राम स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने शौचालय में पिछले 6 सालों से रह रहे हैं और सिस्टम को इस बात का जानकारी भी नहीं.
देश में प्रधानमंत्री आवास योजना है, इसके अलावा झारखंड में भी अबुआ आवास योजना चलाई जा रही है. इसमें बेघरों को घर देने की बात कही जा रही है. लेकिन फिर भी सिस्टम में खामियों की वजह से सहदेव राम जैसे लोगों को घर नहीं मिल पा रहा है और वे शौचालय में रहने को विवश हैं. एक ओर इन दोनों आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम चलाया जा रहा है. ताकि कोई भी वैसा लाभुक नहीं छूटे जो योजना का हकदार है. दूसरी ओर केंद्र सरकार की तरफ से विकसित भारत संकल्प यात्रा निकाली जा रही है जिसमें केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में जानकारी दि जा रही है. लेकिन यह सिस्टम की ही बेरुखी है कि सहदेव राम शौचालय में रहने को विवश हैं.
शौचालय में ही सहवेद की रसोई है और यही पर वे चादर बिछाकर अपनी रातें भी गुजारते हैं. घर नहीं होने के कारण उसकी पत्नी और बच्चे ने भी उसका साथ छोड़ चुकी हैं. उसकी पत्नी अपने मायके इचाक देवकुली में रह रही है. सहदेव बताते हैं कि घर नहीं है इस यही कारण है कि परिवार को साथ में रखना संभव नहीं था, इस कारण ही परिवार दूर चला गया. वह कहते हैं की आवास दिलाने के नाम पर मुखिया से लेकर पदाधिकारी ने आश्वासन दिया लेकिन घर नहीं मिला.