हजारीबाग: जिले में अक्सर झोला छाप और फर्जी डॉक्टरों की खबरें आती रहती है. लेकिन अब जो खबर आई है वो बेहद चौकाने वाला है. हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर राम बाबू प्रसाद के नाम और डिग्री पर सवाल उठ गया है. मुजफ्फरपुर बिहार के इसी नाम के डॉक्टर ने डॉक्टर राम बाबू प्रसाद पर फर्जी डिग्री के सहारे काम करने का आरोप लगाया है.
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एक नाम, एक नंबर रजिस्ट्रेशन नंबर भी एक
दरअसल हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टर राम बाबू प्रसाद बतौर जूनियर रेजिडेंट कार्यरत हैं. अब इसी नाम के दूसरे डॉक्टर जो की मुजफ्फरपुर बिहार के रहने वाले है ने राम बाबू प्रसाद पर फर्जी डिग्री के आधार पर काम करने का आरोप लगाया. मुजफ्फरपुर के डॉक्टर ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्रिंसिपल और सुपरिटेंडेंट को मेल कर शिकायत भेजी और बताया कि उनके रजिस्ट्रेशन नंबर, नाम और पता का गलत इस्तेमाल कर हजारीबाग में फर्जीवाड़ा हो रहा है. मामला प्रकाश में आने के बाद हजारीबाग शेख भिखारी कॉलेज प्रबंधन हैरान और परेशान है. इस बाबत गुरुवार को आपातकालीन बैठक बुलाया गया जिसमें कॉलेज काम कर रहे सभी जूनियर रेजिडेंट के डॉक्टरों के सर्टिफिकेट का फिर से वैरीफिकेशन करने का आदेश दिया गया. इसके बाद अब तक 15 डॉक्टरों के सर्टिफिकेट की जांच की गई.
कौन फर्जी कौन असली
मुजफ्फरपुर के डॉक्टर रामबाबू प्रसाद के पिता का नाम रामजी रजक हैं और वे बिहार में समस्तीपुर चपता थाना पालसिंघ सराय के रहने वाले हैं. उनकी जन्म तिथि 9 जनवरी 1978 है .प्रमाण पत्र में रजिस्ट्रेशन का डेट 31 जुलाई 2009 है. रजिस्ट्रेशन नंबर 38414 है. जिन्होंने 2008 में एमबीबीएस किया है. उनके पास बिहार मेडिकल काउंसिल से एमबीबीएस की डिग्री है. वहीं हजारीबाग में कार्यरत डॉ राम के प्रमाण पत्र में भी यही बात अंकित है. ऐसे में यह बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि कौन डॉक्टर असली है और कौन फर्जी. मेडिकल कॉलेज के सुपरिटेंडेंट डॉ विनोद कुमार ने बताया है कि यह पूरा मामला संज्ञान में आया है. इस बाबत जांच कर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को जानकारी दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि उनके कार्यकाल का इस तरह का पहला मामला है. पिछले 32 सालों से वह डॉक्टरी की शिक्षा प्राप्त कर विभिन्न अस्पताल एवं कॉलेज में सेवा दे चुके हैं उनका यह भी कहना है कि किसे अभी फर्जी कहा जाए और किसे असली यह दुविधा कि बात है.
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अस्पताल प्रबंधन पर उठा सवाल
पूरे प्रकरण के सामने आने के बाद शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज के प्रबंधन पर सवाल उठ रहा है कि कि आखिर कैसे हजारीबाग में डॉक्टर राम बाबू प्रसाद की डिग्री का वेरिफिकेशन किया गया. उस वक्त यह बात सामने क्यों नहीं आई. जानकारी मिलने के बाद हजारीबाग में कार्यरत डॉ राम बाबू प्रसाद छुट्टी में बाहर चले गए हैं. उन्होंने भी दावा किया है कि वह इसका सबूत देंगे. जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
डेढ़ साल से कर रहे थे काम
अगर हजारीबाग की डॉक्टर की बात की जाए तो पिछले डेढ़ साल से वह मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कार्यरत हैं और उन्हें 45000 रुपैया वेतन भी मिल रहा है. इस दौरान उन्होंने कई मरीजों का इलाज भी किया. वही मुजफ्फरपुर के डॉक्टर भी लंबे समय से मरीजों का इलाज कर रहे हैं. इनमें से एक डॉक्टर का डिग्री फर्जी है तो कैसे वह डॉक्टर लंबे समय से मरीजों का इलाज कर रहा है.