गुमला:अपने घरों से निकलकर हाथों में कांसे का लोटा लेकर सड़क पर पंक्तिबद्ध होकर चल रही ये महिलाएं किसी जन आंदोलन या फिर किसी के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने के लिए नहीं निकली है, बल्कि ये निकली है भगवान इंद्र की पूजा करने के लिए, क्योंकि सावन के महीने में भी खेतों में पानी नहीं होने की वजह से अन्नदाताओं को धान की खेती करने में भारी परेशानी हो रही है. अगर समय से धान की बुआई नहीं होती है तो ऐसे में बेहतर फसल की उम्मीद नहीं की जा सकती है. यही वजह है कि गुमला जिले के अन्नदाता अपने खेतों में सही समय से धान की बुआई कर सकें, इसको लेकर भगवान इंद्र से बारिश करने की गुजारिश कर रहे हैं.
'हे इंद्र हमारी अर्जी सुने और बारिश करें'
गुमला जिला मुख्यालय से सटे तिर्रा गांव की ये महिलाएं अपने घरों से निकलकर करीब 3 किलोमीटर दूर रायडीह और गुमला प्रखंड के सीमांत पर स्थित बहती नदी से जल उठा कर पास में ही पूरे विधि विधान से पूजा कर रही हैं. इसको लेकर महिलाओं ने बताया कि बरसात के मौसम में भी हमारे खेतों में पर्याप्त मात्रा में बारिश का पानी नहीं है. जिसके कारण धान की खेती करने में परेशानी हो रही है. ऐसे में अगर धान की खेती सही समय पर नहीं हो पाती है, तो फिर इसका खामियाजा धान की उपज पर हो सकता है. इसको लेकर पूरे गांव वाले चिंतित हैं कि कैसे बारिश हो और धान की खेती की जा सके. ग्रामीणों ने इसी को लेकर एक बैठक बुलाई. बैठक में गहन-विचार विमर्श करने के बाद गांव के बुजुर्गों ने बताया कि जब कभी भी ऐसी परिस्थिति उत्पन्न होती है, तो अपने देवताओं को प्रसन्न करना चाहिए. जिसके बाद गांव वालों ने बैठक में यह निर्णय लिया बारिश अच्छी हो इसको लेकर भगवान इंद्र, भगवान शंकर और भगवान भास्कर की पूजा करनी चाहिए. इसी को लेकर हम आज पूजा करने निकले हैं, ताकि भगवान इंद्र हमारी अर्जी सुने और बारिश करें.