गुमला: जिले के सिसई थाना क्षेत्र में हत्या के दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. रविवार को सिसई थाना में एसडीपीओ मनीष चंद्र लाल ने पूरे मामले की जानकारी दी.
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क्या है पूरा मामला
एसडीपीओ ने बताया कि छारदा पत्रा के पास कैलाश उरांव की नृशंस हत्याकांड के दो आरोपी सुखराम उरांव और शत्रुघ्न कुजूर को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि कुछ दिनों पूर्व एक शादी समारोह से लौटते समय इन दोनों ने अन्य दो युवकों के साथ मिलकर छारदा और बघनी के बीच पतरा के पास मिलकर कैलाश उरांव की हत्या कर दी थी और उसके साथी सोमा उरांव का पैर काटकर बुरी तरह से घायल कर दिया था. जिसके बाद से ये सभी फरार चल रहे थे.
जमीन को लेकर आपसी विवाद
सिसई थाना प्रभारी इंद्रजीत कुमार को शत्रुघ्न कुजूर के तुरीअंबा में होने की गुप्त सूचना मिलने पर छापेमारी दल का गठन किया और सशस्त्र बलों के साथ मिलकर छापामारी की. इस दौरान शत्रुघ्न को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई. पूछताछ के क्रम में उसने सुखराम उरांव का नाम बताया, जिसकी निशानदेही पर सुखराम उरांव को गिरफ्तार कर थाने लाए जाने पर उसने अपना जुर्म स्वीकार किया. सुखराम उरांव ने हत्या का कारण जमीन को लेकर आपसी विवाद और अंधविश्वास बताया.
जमीन की बंदोबस्ती को लेकर झगड़ा
कैलाश और सुखराम के बीच एक जमीन की बंदोबस्ती को लेकर भाई से झगड़ा चल रहा था. कैलाश भगत झाड़ फूंक का भी काम करता था. सुखराम उरांव के पिता की 3 वर्ष पहले मृत्यु हुई थी जिसका कारण कैलाश उरांव द्वारा डायन बिसाही करना माना जा रहा था.
इसी को लेकर उसने कैलाश की हत्या की साजिश रची. 21 फरवरी के दिन कैलाश की बहन की बेटी के शादी समारोह से लौटते समय सुखराम उरांव ने अपने जीजा शत्रुघ्न कुजूर के व अन्य दो युवकों की सहायता से छारदा और बघनी के बीच टांगी से कैलाश उरांव की निर्मम हत्या कर दी. इस हत्याकांड के बदले में सुखराम ने शत्रुघ्न को 20,000 रुपये भी दिए थे.
शत्रुघ्न कुजूर का रहा है आपराधिक इतिहास
हत्याकांड में शामिल शत्रुघ्न कुजूर का पहले भी आपराधिक इतिहास रहा है. भंडरा, बेड़ो, भरनो, लापुंग थाना और छत्तीसगढ़ में भी हत्या, लूटकांड, आर्मस एक्ट और अन्य अपराधों में नाम रहा है. गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है, जबकि अन्य दो अभी भी फरार हैं.