गुमला: जिले के घाघरा थाना (Ghagra Police Station) क्षेत्र में 24 अगस्त को शिव कुमार भगत केला बागान में कृषि वैज्ञानिक लोकेश पी और उसके सहयोगी एम देवा दासु की हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने इस मामले का उद्भभेदन कर दिया है. पुलिस ने हत्याकांड के मुख्य आरोपी आनंद उरांव उर्फ आनंद तिग्गा, अर्पण उरांव उर्फ मैनेजर और आकाश उरांव को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि चौथा आरोपी बसंत अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है.
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गिरफ्तार अपराधियों के पास से पुलिस ने देसी पिस्तौल, दो गोली, मोबाइल फोन सहित अन्य कागजात भी बरामद किया है. पूरे मामले का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक डॉ एहतेशाम वकारीब ने बताया कि कृषि वैज्ञानिक सहित उसके सहयोगी के हत्याकांड के बाद एसडीपीओ गुमला के नेतृत्व में जांच टीम का गठन किया गया था. जांच के दौरान पता चला कि घाघरा थाना क्षेत्र का दुर्दांत अपराधी आनंद तिग्गा अपने सहयोगियों के साथ लोकेश पी के साथ देखा गया था. जिसके बाद पुलिस ने अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी.
गुप्त सूचना के आधार पर की गई छापेमारी
एसपी डॉ. एहतेशाम वकारीब ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि नाथपुर जंगल के पास से तीन अपराधी देखे गए हैं. जिसके बाद तत्काल पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और तीनों अपराधियों को धर दबोचा. सभी अपराधी एक मोटरसाइकिल पर सवार थे. उन्होंने बताया कि कृषि वैज्ञानिक हत्याकांड से पहले इन अपराधियों ने लूटकांड की घटना को अंजाम दिया था. लूटे गए पैसे में दस हजार रुपये आनंद तिग्गा ने अपने बहनोई के खाते में डाला था. मुख्य आरोपी आनंद तिग्गा नक्सली संगठन जेजेएमपी से जुड़ा रहा है और उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं. उसे पहले भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, लेकिन जेल से निकलने के बाद वह फिर से अपराधिक घटनानों को अंजाम देने लगा. आनंद ने घाघरा में अक्टूबर 2020 में एक भाई-बहन की हत्या कर दी थी. जिसके बाद से ही वह फरार चल रहा था.