गुमला: जिला में सिकोई के सुगाकांटा ग्राम सभा की ओर से सभी दस्तावेज होने के बाद भी 2 साल से वन अधिकार से वंचित है. वन विभाग के अधिकारियों की ओर से गैरकानूनी आपत्ति लगाकर रोका जा रहा है. भारतीय संसद में पारित हुआ वन अधिकार कानून 2006 लागू हुए 15 साल हो गए हैं. फिर भी झारखंड में कानून की धारा 3(1)झ के तहत एक भी गांव को सामुदायिक वन संसाधनों के प्रबंधन का अधिकार नहीं दिया गया.
वास्तविक यह अधिकार गांव के स्वालंबन स्वाभिमान के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत की ओर ले जाने वाला है. यह अधिकार किसी भी प्रकार के वन क्षेत्र पर लागू होता है. गांव के परंपरागत सीमा क्षेत्र के वन भूमि पर वन संसाधनों का संरक्षण पुनर्निर्माण संवर्धन और प्रबंधन का अधिकार देता है. इन अधिकारों से वंचित होने के कारण सुगाकाटा के वासी पीड़ित और आक्रोशित हैं.