गुमला: लॉकडाउन के मद्देनजर प्रवासी मजदूरों की लगातार घर वापसी हो रही है. बड़ी संख्या में राज्य के विविध भागों के मजदूर स्पेशल ट्रेन से झारखंड पहुंचे हैं. इन सभी के बीच सभी प्रशासन सभी एहतियात बरत रहे हैं. इसी क्रम में गुमला जिले के रायडीह प्रखंड क्षेत्र में बहने वाली शंख नदी झारखंड और छत्तीसगढ़ की सीमा को बांटती है, जहां पर गुमला जिला प्रशासन ने एक अस्थाई कैंप लगाकर छतीसगढ़ सहित अन्य राज्यों से आ रहे प्रवासी मजदूरों और वाहनों के कागजातों की जांच 24X7 कर रही है.
पूरे कागजातों की जांच और हर व्यक्ति की शारीरिक जांच करने के बाद गुमला के रास्ते झारखंड में प्रवेश करने की अनुमति दी जा रही है. कोरोना वायरस के कारण यह व्यवस्था की गई है.
कोरोना वायरस के कारण लाखों जान चली गई हैं, जबकि कई लाख लोग अभी भी इस महामारी की चपेट में हैं . इस महामारी से बचाव के लिए अब तक किसी प्रकार की दवा का निर्माण नहीं किया जा सका है.
इसकी रोकथाम के लिए पूरे भारतवर्ष में पिछले 24 मार्च से लॉक डाउन की घोषणा कर दी गई है, लेकिन जब कोरोना वायरस मरीजों की संख्या बढ़ती गई तो ऐसे में लॉक डाउन को अगले 17 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है.
ऐसे में प्रवासी मजदूरों के समक्ष कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होने लगी थी . मजदूर पैदल ही अपने घरों के लिए निकलने लगे. ये प्रवासी मजदूर भूखे प्यासे बूढ़े , बच्चे जवान हर कोई अपने घर लौटने लगे.
इसमें से कुछ ऐसे भी लोग थे जिन्होंने रेलवे पटरी को भी रास्ता के तौर पर चुना था और जब वह थक गए थे तो वह पटरी पर ही सो गए थे . ऐसे में एक मालगाड़ी की चपेट में आने से कई लोगों ने अपनी जानें गंवा दी थी.
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