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गुमला में सरकारी योजना का सच, दो साल बाद भी कागजों से उतरकर ग्रामीणों को नहीं मिला लाभ - गुमला

सरकारी योजनाओं की हकीकत देखनी हो तो गुमला आइए, जहां दो साल से योजना बनकर तैयार है, लेकिन धरातल पर नहीं उतर ही नहीं पा रही है.

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Published : Mar 3, 2019, 1:39 PM IST

गुमला: केंद्र सरकार ने 2016 में श्यामा प्रसाद रूर्बन मिशन योजना की शुरुआत की थी. इसका उद्देश्य शहर में रहने वाले लोगों की तरह शहर से सटे ग्रामीण इलाके के लोगों को भी सुविधा मिले. गुमला के दो पंचायत करौंदी और तेलगांव को भी 2017 में इस योजना से जोड़ा गया. लेकिन अभी तक धरातल पर कुछ नजर नहीं आ रहा है.

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करौंदी और तेलगांव पंचायत को योजना से जोड़ तो दिया गया. लेकिन अभी तक कोई लाभ गांव के लोगों को नहीं मिला है. आज भी गांव में गंदगी फैली हुई है. न सड़क बनी है और न ही नालियां. यहां तक कि करौंदी गांव में आवास योजना के तहत किसी को प्रधानमंत्री आवास भी नहीं मिला है.

जबकि सरकार ने वर्ष 2017 के जून माह में ही करौंदी और तेलगांव पंचायत को श्यामा प्रसाद रूर्बन मिशन के तहत चयन किया था. चयन के लगभग अब 2 वर्ष होने को हैं, आज भी धरातल पर कोई काम नहीं हुआ है. जो भी काम हुए हैं वह सिर्फ कागजों में हुए हैं.

जिला प्रशासन के अधिकारी न जाने इन 2 वर्षों में कितनी बार गांव के विकास का खाका तैयार करने के लिए बैठक कर चुके हैं. लेकिन उन बैठकों का आज तक कोई नतीजा नहीं निकला है. जबकि जिला प्रशासन के द्वारा इन दोनों पंचायतों में 28 योजनाओं को संचालित करने के लिए पिछले लगभग 2 वर्षों से डीपीआर बनाकर उसको अप्रूव कराने की कोशिश जारी है. सरकार को नाबार्ड, विकास भारती बिशुनपुर एवं ग्राम प्रौद्योगिकी विकास संस्थान की ओर से डीपीआर बनाकर सौंपा गया है. करोड़ों रुपए की लागत से होने वाली विकास योजनाएं सिर्फ कागजों में ही सिमट कर रह गई है.

ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कई सालों से सुन रहे हैं कि हमारे गांव का विकास होगा. सरकारी बाबू आते हैं, कुछ बता जाते हैं, साथ में फोटो खींचते हैं और चले जाते हैं. कितनी बार वे लोग आए कई बार बोला कि अब गांव में स्ट्रीट लाइट लगेंगी, नालियां बनेंगी, पेयजल की सुविधा दी जाएगी, मगर वो सब सिर्फ आश्वासन भर नजर आ रहा है. आज भी यहां के लोग मजदूरी करने पर मजबूर हैं. काफी दूर से पानी लाकर उसका उपयोग दैनिक जीवन में कर रहे हैं. न कोई रोजगार का साधन है और न ही कोई बुनियादी सुविधा

वहीं इस मामले में जिले के उपायुक्त का कहना है कि श्यामा प्रसाद रूर्बन मिशन के तहत शहर से सटे 2 पंचायतों करौंदी और तेलगांव में शहरी सुविधाएं देनी हैं. जिसके लिए डीपीआर बनकर तैयार हो गया है. उनमें से कुछ डीपीआर को अप्रूवल मिल गया है, जिसे जल्द ही उन क्षेत्रों में शुरू किया जाएगा.

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