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मुठभेड़ में मारे गए सब जोनल कमांडर राजेश उरांव के शव का पुलिस ने कराया अंतिम संस्कार, परिजनों ने शव लेने से कर दिया इनकार - naxals in jharkhand

गुमला में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में मारे गए सब जोनल कमांडर राजेश उरांव के शव का अंतिम संस्कार किया गया. एसपी डॉक्टर एहतेशाम वकारीब ने बताया कि किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के इरादे से सभी नक्सली जमा हुए थे. उन्हें इसके बारे में गुप्त सूचना मिली थी, जिसके बाद ये कार्रवाई की गई.

Maoist subzonal commander Rajesh Oraon
Maoist subzonal commander Rajesh Oraon

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Published : Jun 2, 2023, 9:45 PM IST

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गुमला: गुरूवार को हुए पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में मारे गए नक्सली राजेश उरांव के शव का आज उसके पैतृक गांव तुंजो हूटार ले जाकर शहर से सटे हुए करम टोली श्मशान घाट डैम के तट पर अंतिम संस्कार किया गया. गुरुवार को मुठभेड़ के बाद घाघरा पुलिस उसके परिजन भाई और भाभी को शव ले जाने की सूचना देने के लिए पहुंचे थे, जहां पर उन्होंने शव लेने से इनकार करते हुए कहा था कि वह शुरू से गलत लाइन में चला गया था, जिस वजह से उससे कोई नाता रिश्ता नहीं है.

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हालांकि आज शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद सदर अस्पताल में शव परिजनों को सौंप दिया गया. जिसके बाद पैतृक गांव ना ले जाकर पुलिस की उपस्थिति में करम टोली में ही अंतिम संस्कार किया गया. बताया जाता है कि साथी माओवादी टोहन के संपर्क में आने से राजेश 17 साल की उम्र में ही उग्रवादी बन गया था.

इस मामले में शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एसपी डॉक्टर एहतेशाम वकारीब ने प्रेस वार्ता कर घटना की जानकारी दी. प्रेस वार्ता में एसपी डॉक्टर एहतेशाम वकारीब ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि अंजन मरवा क्षेत्र में सब जोनल कमांडर रनथु उरांव अपने दस्ते के साथ देखा गया है. जिस पर तत्काल OPS प्लान बनाया गया. एसपी के नेतृत्व में अभियान एसपी मनीष कुमार अपने अंगरक्षक और पुलिस बल के साथ मारवा जंगल में छानबीन के लिए निकले. तभी मरवा कुसुम डिपा के पास दोपहर के 2:30 बजे एकाएक पुलिस पर गोलियां चलने लगी. पुलिस ने भी इसकी जवाबी कार्रवाई की, जिसमें सब जोनल कमांडर राजेश उरांव पुलिस की गोलियों से ढेर हो गया.

रनथु उरांव अपने साथियों के साथ भाग निकला: वहीं इस दौरान प्रतिबंधित भाकपा माओवादी के सक्रिय सदस्य रनथु उरांव, लाजिम अंसारी और खूंदी मुंडा सहित अन्य सदस्य पुलिस को भारी पड़ता देख घने जंगलों की ओर भाग गए. इस घटना में मारे गए सब जोनल कमांडर राजेश उरांव पर झारखंड सरकार द्वारा दो लाख रुपए और एनआईए द्वारा एक लाख रुपए का इनाम घोषित है. साथ ही उसके पास से पुलिस ने एक राइफल और कुछ गोली भी बरामद किया है. राजेश उरांव के खिलाफ झारखंड में कुल 25 मामले दर्ज हैं जिसमें गुमला में 20 और अन्य थाने में 4 मामले दर्ज हैं. इन मामलों में कुरुमगढ़ थाना के निर्माणाधीन भवन को उड़ाना, चंदवा में चार पुलिस जवानों को उड़ाना शामिल है.

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