गुमला : आईटीडीए भवन के सभागार में मंगलवार को गुमला उपायुक्त शशि रंजन की अध्यक्षता में जिले के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों और अंचलाधिकारियों के साथ बैठक हुई. इस बैठक में देश के विभिन्न राज्यों से लौट रहे प्रवासी श्रमिकों का डाटा एंट्री, रोजगार निबंधन, राशन वितरण, जिले में चल रहे मनरेगा योजना की समीक्षा, लंबित दाखिल खारिज वाद, स्वच्छ भारत मिशन के कार्यों और अन्य कार्यों की समीक्षा की गई.
वहीं, बैठक में गुमला जिले के प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के साधन उपलब्ध कराने पर विशेष जोर देते हुए उपायुक्त ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों और अंचलाधिकारियों को पूर्ण विवरणी गूगल शीट्स में जल्द से जल्द भरने का निर्देश दिया. उन्होंने उक्त डाटा एंट्री के कार्य को गति देने के उद्देश्य से पंचायत सेवक, जन सेवक, राजस्व कर्मियों और प्रखंड सह अंचल कार्यलयों में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर की सहायता से प्रतिदिन 60 से 100 एंट्रियां करवाने का निर्देश दिया. इसके साथ ही उन्होंने सभी बीडीओ और सीओ को डाटा एंट्री की कार्य में प्रगति पर विशेष ध्यान देने का भी निर्देश दिया. इसके साथ ही बैठक में प्रवासी श्रमिकों को रोजगार हेतु निबंधन कराने के उद्देश्य से उपायुक्त ने गुमला जिला वापस लौटने वाले सभी प्रवासी श्रमिक बंधुओं का स्किल मैपिंग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. साथ ही उन्होंने प्रवासी श्रमिकों को उनके कौशल के आधार पर रोजगार के आयामों से जोड़ने हेतु उनके जरिए बाहरी राज्यों में किस विभाग के अंतर्गत किस प्रकार का कार्य किया जा रहा है इसकी पूरी जानकारी प्राप्त करने का निर्देश दिया.
मनरेगा योजनाओं की समीक्षा
बैठक में मनरेगा योजनाओं की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने बताया कि गुमला जिले में मनरेगा प्रवासी श्रमिकों के रोजगार का मुख्य साधन है. जिले में मनरेगा अंतर्गत संचालित होने वाली योजनाओं में श्रमिकों की सहभागिता बेहद कम होने पर उपायुक्त ने असंतोष जताते हुए अधिक से अधिक संख्या में श्रमिकों की सहभागिता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. बता दें कि जिले में मनरेगा अंतर्गत लगभग 1242 योजनाओं की स्वीकृति अब भी बाकी है. जिसमें से 817 योजनाएं प्रक्रियाधीन है. इसके अलावा अन्य 2824 योजनाएं लेना है, जिसपर उपायुक्त ने प्रक्रियाधीन योजनाओं के कार्यों में गति लाने का निर्देश दिया.