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पोते के दूध के लिए बेबस दादी ने रख दी अपनी जमीन गिरवी, बहू-बेटे की हो चुकी है मौत

गरीबी और वक्त की मार झेल रही एक वृद्ध महिला ने अपने पोते की परवरिश के लिए अपनी जमीन गिरवी रख दी. लेकिन गिरवी जमीन के पैसे भी अब खत्म हो गए हैं. लाचार वृद्ध महिला पर दुधमुंहे बच्चे की जिम्मेदारी और ऊपर से गरीबी का दंश उसकी मुश्किलें और बढ़ा रही है.

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Published : Jul 7, 2019, 6:00 PM IST

पोते के साथ बैठी बेबस दादी

गुमला: गरीबी, बेबसी और प्रशासनिक उदासीनता के कारण एक बेबस वृद्ध महिला ने अपने पोते के दूध के लिए अपनी जमीन गिरवी में रख दी. मामला गुमला के रायडीह प्रखंड क्षेत्र के सान्याकोना बगडाड गांव का है. जहां कलारा कुल्लू नाम की एक वृद्ध महिला ने अपने बेटे और बहू की मौत के बाद उनके 8 महीने के बेटे के दूध के लिए 14 हजार में अपनी 3 जमीन को गांव के ही लोगों के पास गिरवी रख दिया.

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बेटा और बहू की मौत के बाद बच्चे की उठाई जिम्मेदारी

कलारा की बहू की मौत, बच्चे को जन्म देने के बाद हो गई थी. जिसके बाद कलारा कुल्लू का बेटा भी अपनी पत्नी को खोने के गम में बीमार हो गया. बेटे की बीमारी के इलाज और पोते के दूध के लिए उसने अपने घर में रखी जमा पूंजी खर्च कर दी. इस बीच उसका बीमार बेटा भी चल बसा. जिसके बाद कलारा के पास अपने पोते की जिम्मेदारी आ गई. बूढ़ी महिला ने अपने पोते के इलाज और उसके दूध के खर्च के लिए अपनी पुश्तैनी जमीन गांव के ही लोगों के पास 14 हजार रूपए में गिरवी में रख दी. लेकिन अब विडंबना ये है कि इस महिला के पास वे पैसे भी खर्च हो गए हैं. ऐसे में कलारा को इस बात की चिंता सता रही है कि आगे अपने पोते की परवरिश कैसे करेगी.

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सरकारी उदासीनता के कारण नहीं मिल रहा वृद्धा पेंशन

प्रशासनिक उदासीनता कहें या अधिकारियों की लापरवाही, कई बार इस महिला ने वृद्धा पेंशन के लिए अधिकारियों के पास गुहार लगाई लेकिन अबतक महिला को वृद्धा पेंशन नहीं मिल रहा है. वृद्ध महिला का कहना है कि उसका पोता जब बीमारी से ठीक हो जाएगा और थोड़ा मजबूत हो जाएगा तो वह उसे किसी अनाथालय में छोड़ देगी.

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