गुमला: नगर भवन में राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष हिमांशु शेखर चौधरी ने जिले के सभी मुखिया के साथ संवाद किया (Food Commission Team Interacted With Mukhiya). जिसमें विभिन्न पंचायतों के मुखिया को कार्य और दायित्व की जानकारी दी गई.
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खाद्य आयोग अध्यक्ष का मुखिया से संवाद: गुमला नगर भवन में जिले भर के मुखिया के साथ संवाद जनसुनवाई और लंबित परिवाद पत्रों की सुनवाई के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष हिमांशु शेखर चौधरी, सदस्य शबनम परवीन और आयोग के अन्य सदस्यों ने विभिन्न पंचायतों से आए हुए मुखिया से बातचीत की. इस दौरान उन्हें राज्य खाद्य आयोग के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी गई. कार्यक्रम में खाद्य सुरक्षा अधिनियम से जुड़ी जन वितरण योजना, मध्याह्न भोजन योजना, आंगनबाड़ी केंद्र, मातृ वंदना योजना से संबंधित जानकारी संबंधित पदाधिकारियों द्वारा दी गई.
पंचायत मुखियाओं को किया जागरूक: इस दौरान मौजूद सभी मुखिया को बताया गया कि वो अपनी शिकायत कहां रख सकते हैं. मुखिया की जिम्मेदारी क्या है और वो दूसरे लोगों को भी कैसे जानकारी दे सकते हैं. यदि कोई शिकायत करनी हो तो कहां पर करें, यदि दूसरे लोगों को शिकायत करनी है तो वह कहां पर शिकायत कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य खाद्य आयोग का मुख्य उद्देश्य लोगों को जागरूक करना है.
मुखिया की जवाबदेही:सभी पंचायत मुखियाओं को संबोधित करते हुए झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा आयोग (Jharkhand State Food Safety Commission) अध्यक्ष हिमांशु शेखर चौधरी ने कहा कि जिले में एक भी मौत भूख से होने पर उसकी जवाबदेही पंचायत के चुने हुए प्रतिनिधियों खासकर मुखिया पर होगी. क्योंकि वही पंचायत स्तर पर बनी खाद्य सुरक्षा योजना की निगरानी समिति के पदेन अध्यक्ष होते हैं. इस नाते इस योजना से जुड़ी सभी जानकारी और उनके क्रियान्वयन में आ रही कठिनाई को दूर करने के लिए शिकायत का अधिकार उनके ही पास हाेता है.
संवाद और जन सुनवाई कार्यक्रम:उन्होंने बताया कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से योजना को लेकर आयोग के समक्ष आ रही शिकायतों की समीक्षा के बाद विभाग की ओर से प्रदेश के हर जिला मुख्यालय में संवाद और जन सुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इस योजना से जुड़ी जानकारी जन प्रतिनिधियों को दी जा रही है. प्रमुख रूप से मुखियाओं को आमंत्रित कर उन्हें आंगनबाड़ी से लेकर स्वास्थ्य विभाग तक की ओर से चलाई जा रही खाद्य सुरक्षा की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जा रही है. शेखर ने कहा कि योजना को लेकर आयोग को कई स्तर से शिकायतें मिल रही हैं. इसकी समयानुसार सुनवाई कर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कारवाई के लिए सरकार को पत्र लिखा जा रहा है. इसलिए सभी मुखियाओं को इसमें सहयोग करना चाहिए.
शिकायत के लिए व्हाट्सएप नंबर जारी: उन्होंने कहा कि डीलर या किसी भी संबंधित पक्ष द्वारा गड़बड़ी किए जाने पर डीजीआरओ से इसकी शिकायत की जा सकती है. यदि 30 दिनों के भीतर उनके कार्यालय से निवारण नहीं होता है, तो आयोग द्वारा जारी व्हाट्सएप नंबर ( 9142622194) के माध्यम से आयोग को भी शिकायत की जा सकती है. इसपर संज्ञान लेते हुए आयोग त्वरित कारवाई करेगा. इसके अलावा जरूरतमंद व्यक्ति जिनका राशन कार्ड नहीं है, परंतु उन्हें राशन की अति आवश्यकता है. इसके लिए मुखियाओं को मिलने वाले आकस्मिक निधि के तहत 10 हजार रुपए की राशि से उन लोगों को राशन खरीद कर देने की बात कही. उन्होंने बताया आकस्मिक निधि राशि के तहत मुखिया द्वारा उन सभी जरूरतमंदों की सहायता की जा सकती है, जिन्हें राशन के अभाव से भुखमरी का सामना करना पड़ता है.
जन सुनवाई के दौरान अधिकांश मुखियाओं ने पीडीएस के दूर होने से लाभुकों को होने वाली समस्या के अलावा खराब नेटवर्क की जैसे समस्याओं से आयोग को अवगत करवाया. इसके अलावा संपन्न लोगों के नाम भी राशन कार्ड जारी किए जाने और अपात्र लाभुकों को इस योजना को लाभ दिए जाने का मामला भी उठाया.
योजनाओं की जानकारी: कार्यक्रम में उपस्थित उप विकास आयुक्त हेमंत सती ने राष्ट्रीय खाद्य आयोग के गठन के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी. वहीं अपर समाहर्ता सुधीर कुमार गुप्ता ने राष्ट्रीय खाद्य आयोग से संबंधित विस्तृत जानकारी दी और इससे जुड़े नियम कानूनों के बारे में बताया. कार्यक्रम में उपस्थित जिला आपूर्ति पदाधिकारी गुलाम शमदानी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सीता पुष्पा, सिविल सर्जन राजू कच्छप, जिला शिक्षा अधीक्षक ने अपने अपने विभागों द्वारा चलाए जा रहे संबंधित योजनाओं के बारे में जानकारी दी.