गुमला: जिले के ग्रामीण इलाकों में जब ग्रामीण विद्युतीकरण के तहत बिजली पहुंचाई गई थी तब गांव के लोगों में खुशी का माहौल था. लेकिन बेमौसम बारिश में जब तेज हवा चली, तो गांव में बिजली पहुंचाने के लिए लगाए गए खंभे टूटकर गिर गए. इस वजह से ग्रामीण अंधेरे में रहने के लिए विवश हो गए हैं और उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
अंधेरे में जीवन बिताने को विवश
ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में वर्षों बाद बिजली पहुंचाई गई थी. मगर थोड़ी सी बारिश के कारण बिजली के खंभे गिरने लगे हैं, जबकि इन खंभों को पिछले जनवरी महीने के आसपास लगाई गई थी. मगर हल्की बारिश को भी बिजली के खंभे सहन नहीं कर पाए. ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इसमें सुधार कराते हुए दोबारा बिजली की आपूर्ति बहाल की जाए. ग्रामीण बताते हैं कि जो खंभे लगाए गए हैं. उसमें मजबूती नहीं है. जिसके कारण खंभे गिर रहे हैं और वे अंधेरे में जीवन बिताने को विवश हैं.
सालों बाद पूरा हुआ था सपना
ग्रामीणों ने कहा कि वर्षों बाद उनका सपना पूरा हुआ था, जब गांव में बिजली पहुंची थी. गांव के लोगों में बहुत खुशी थी. मगर उनका सपना और खुशी विभागीय लापरवाही के कारण खत्म हो गयी. कई बिजली के खंभे गिर गए हैं तो कई खंभे टेढ़े हो गए हैं. उन्होंने बताया कि इस इलाके में ग्रामीण खेती बारी अच्छी तरह से करते हैं, जिसमें बिजली की सुविधा अहम थी. मगर अब उन्हें डीजल पंप का सहारा लेना पड़ेगा. जिसके कारण लागत अधिक पड़ेगी और मुनाफा नहीं के बराबर होगा. बस किसी तरह परिवार चलेगा बचत कुछ भी नहीं होगा.
ये भी देखें-आशा लकड़ा ने डीसी पर मेयर पद की गरिमा को ठेस पहुंचाने का लगाया आरोप, कहा- डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत अधिकारों का हुआ है हनन
एजेंसी ने कराया है विद्युतीकरण का कार्य
इस मामले पर विभागीय अधिकारी ने कहा कि ग्रामीण विद्युतीकरण का कार्य एजेंसी ने कराया है. गांव वालों के माध्यम से सूचना मिली है कि बिजली के खंभे गिरे हैं. उसको जल्दी ठीक करा दिया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ग्रामीण विद्युतीकरण के दौरान सीमेंट के खंभे को कंक्रीट से जाम नहीं किया जाता है. जहां पर ट्रांसफर में लगाया जाता है और वहां पर दो खंभे लगे होते हैं. वही खंभों को सीमेंट और कंक्रीट से जाम किया जाता है. उन्होंने कहा कि हल्की बारिश और आंधी तूफान के कारण बिजली के खंभे गिरते हैं, जिसे समय रहते ठीक करा दिया जाएगा.