गुमला: जिला में सीआरपीएफ 218वीं बटालियन के 9 साल पूरे होने के मौके पर स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया. इस अवसर पर सीलम स्थित 218 बटालियन के मुख्यालय में मेले का आयोजन किया गया. इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया. स्थापना दिवस पर राजधानी से आए कलाकारों ने वीर जवानों के लिए देशभक्ति, नागपुरी, हिंदी और भोजपुरी गाने गाए. वहीं, सीआरपीएफ के जवानों ने भी गानों की धुन पर जमकर कदम थिरकाए.
स्थापना दिवस समारोह का जश्न
दूसरी ओर सीआरपीएफ 218वीं बटालियन के कमांडेंट रंजीत कुमार ने बताया कि आज 9वें स्थापना दिवस पर सभी जवान खुश हैं और इसी के चलते इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. वहीं, जवानों के परिजन भी आयोजन का आनंद उठा रहे हैं और सभी कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं.
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बता दें कि, एक समय में जिले को नक्सलियों को गढ माना जाता था. पूरे देश में गुमला नक्सलियों के मामले में तीसरे स्थान पर था. हर दिन नक्सली जिले में कोई न कोई घटना को अंजाम देते थे. धीरे-धीरे नक्सलियों ने पूरे क्षेत्र में अपना दबदबा बना लिया और जिला बंद, झारखंड बंद या फिर देश बंद कर देने के आह्वान पर पूरे गुमला जिले में कर्फ्यू सा माहौल कर देते थे. पुलिसकर्मियों को भी इन नक्सलियों ने अपना शिकार बना लिया था, उन्हें भी क्षति पहुंचाने लगे थे. जिसके बाद 2011 में जिले में सीआरपीएफ 218 वीं बटालियन की स्थापना की गई.
स्थापना दिवस समारोह का जश्न
सीआरपीएफ 218वीं बटालियन ने लागातार जिले के नक्सली क्षेत्रों में अभियान चलाया. शहरों से लेकर जंगलों तक नक्सलियों के खिलाफ यह अभियान जारी रहा. जिससे नक्सलियों के बीच डर बैठा और उन्हें अपने कदम पीछे खींचने पड़े. आज भी यही स्थिति है कि सीआरपीएफ के जवान जंगली इलाकों के हर चप्पे पर अपनी नजर जमाए रहते हैं. इन वीर जवानों के कारण ही जिले का हर एक व्यक्ति अब खुद को सुरक्षित समक्षता है.