झारखंड

jharkhand

By

Published : Jan 6, 2021, 3:54 PM IST

ETV Bharat / state

गुमला में एक महिला ने ग्रामीणों पर लगाया जमीन हड़पने का आरोप, जांच में आरोप निकला निराधार

गुमला पुसो थाना क्षेत्र अंतर्गत घाघरा पानटोली निवासी शनिचरिया उराईन ने कुछ ग्रामीणों पर जमीन हड़पने, डायन बिसाही के नाम पर मारपीट करने सहित मां का शव छुपाने का आरोप लगाया है. इस मामले की जांच एसडीपीओ मनीष चन्द्र लाल, इंस्पेक्टर बैजू उरांव, पुसो थानेदार मिचराय पाडेया और एएसआई तपेश्वर बैठा ने किया, जिसमें शनिचरिया उराईन के ओर से ग्रामीणों पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद पाया गया.

a-woman-accused-villagers-of-grabbing-land-in-gumla
आरोप निकला निराधार

गुमला: जिले के पुसो थाना क्षेत्र अंतर्गत घाघरा पानटोली निवासी शनिचरिया उराईन ने कुछ ग्रामीणों पर जमीन हड़पने, डायन बिसाही के नाम पर मारपीट करने सहित मां का शव छुपाने का आरोप लगाया है. इस मामले को लेकर उसने एसपी से आवेदन देकर शिकायत की थी, जिसके बाद एसपी हरदीप पी जनार्दनन के निर्देश पर एसडीपीओ मनीष चन्द्र लाल, इंस्पेक्टर बैजू उरांव, पुसो थानेदार मिचराय पाडेया और एएसआई तपेश्वर बैठा ने शनिचरिया उराईन के गांव पहुंचे और ग्रामीणों से मामले की पड़ताल की.

जानकारी देते एसडीपीओ

पदाधिकारियों को ग्रामीणों ने बताया कि शनिचरिया उराईन की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, उसकी मां की मृत्यु बिमारी से अक्टूबर 2020 में ही हो गई थी, जिसे पुनई और शनिचरिया की सहमति से जनप्रतिनिधि, प्रबुद्ध जनों, ग्रामीणों और चौकीदार की उपस्थिति में कोयल नदी तट पर दफनाया गया है, उसका अंतिम संस्कार ग्रामीणों ने अपने खर्च से किया है. उन्होंने बताया कि पांडो उराईन का पति ओझा गुणी का काम करता था और उसका बेटा विरसा उरांव ने पहले ही आत्महत्या कर ली थी. ग्रामीणों ने बताया कि शनिचरिया के ओर से डायन बिसाही के आरोप में मारपीट करने, फर्जी भाई बनकर जमीन हड़पने और अपनी मां का शव को गायब करने का आरोप बेबुनियाद है.

इसे भी पढे़ं: शिकंजे में आया एक लाख का इनामी उग्रवादी, पीएलएफआई का एरिया कमांडर है ओझा पहान

शनिचरिया का लगाया गया आरोप बेबुनियाद

एसडीपीओ मनीष चन्द्र लाल ने बताया कि एसपी के निर्देश पर मामले की जांच की गई, जिसमें शनिचरिया उराईन के ओर से लगाए गए आरोप बेबुनियाद पाया गया है, शव को सामाजिक रिति रिवाज से जनप्रतिनिधि, स्थानीय ग्रामीणों की उपस्थिति में कोयल नदी तट में 20 अक्टूबर 2020 को दफनाया गया है, पूछताछ में ग्रामीणों ने बताया की उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, गांव में ही रहती है पर कब आती है, कब जाती है पता नहीं चलता है, जांच के दौरान भी शनिचरिया अपने घर पर मौजूद नहीं थी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details