गोड्डाः झारखंड मे जमीन का बड़ा हिस्सा बंजर है. जहां आम तौर पर किसी तरह की खेती नहीं होती है. ये जमीन पूरी तरह से खाली रहती है. इस वजह से इन बंजर भूमि पर आम तौर पर झाड़ी झुरमुट उग आते हैं.
ओल की खेती से बदली किस्मत
गोड्डाः झारखंड मे जमीन का बड़ा हिस्सा बंजर है. जहां आम तौर पर किसी तरह की खेती नहीं होती है. ये जमीन पूरी तरह से खाली रहती है. इस वजह से इन बंजर भूमि पर आम तौर पर झाड़ी झुरमुट उग आते हैं.
ओल की खेती से बदली किस्मत
ऐसे में युवा किसान बोल बम कुमार ने कृषि विज्ञान केंद्र में प्रशिक्षण प्राप्त कर ओल की खेती शुरु की. उसके अनुसार ओल की खेती के लिए 20 रुपए की लागत पर उपज 250-300 रुपए की कमाई हो जाती है. इसमें लगभग साल भर का वक्त लग जाता है. सबसे बड़ी बात की ओल के पेड़ को कोई मवेशी भी नहीं खाता है. हां कई बार मवेशी इनके पेड़ को क्षति पहुंचाते है. किसान बताते है कि एक ओल का कंद औसतन 8 से 10 किलो का होता है.
कृषि मंत्री ने की थी सराहना
हाल ही में गोड्डा दौरे पर आए कृषि मंत्री को 17 किलो का ओल भेंट किया था. जिस पर कृषि मंत्री बादल पत्र्लेख ने युवा किसान की सराहना की थी. आज युवा कृषक बोल बम कुमार आसपास के किसानों को जागरुक कर उनके लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन गये हैं. उन्हे देख अगिया मोड और देव दांड़ मे कइ किसान ओल उगाने लगे हैं.