गोड्डा: पिछले वर्ष भारत-चीन की सीमा डोकलाम में ड्यूटी के दौरान श्रवण उरांव शहीद हो गए थे. उनका शव जब गांव आया तो पूरा इलाका रो पड़ा था. लेकिन आज शहीद की पत्नी रो रही है, उसे देखने वाला कोई नहीं. ये दुख उसे अपने ही घरवालों से मिला है. न्याय के शहीद श्रवण की पत्नी दर-दर भटक रही है.
दर-दर भटक रही है डोकलाम शहीद श्रवण उरांव की पत्नी, घरवालों ने ही किया बेघर
देश की सुरक्षा के लिए श्रवण शहीद हो गए. लेकिन उनकी पत्नी निर्मला देवी को परिवार वालों ने घर से बाहर कर दिया
देश की सुरक्षा के लिए श्रवण शहीद हो गए. लेकिन उनकी पत्नी निर्मला देवी को परिवार वालों ने घर से बाहर कर दिया. उनकी पत्नी का कहना है कि उनको पेंशन भी नहीं मिल रहा है. जो कुछ मुआवजा सरकार की तरफ से मिला उसको भी घर वाले ले लिए. वहीं विधायक द्वारा आवास मिला उस पर भी घरवालों ने कब्जा कर लिया और उनको घर से निकाल दिया.
वहीं, स्थानीय लोगों की माने तो देवर ने भाभी से शादी कर उनके बच्चे को अपनाने का आश्वासन भी दिया था. इसी उम्मीद में निर्मला देवी ने अपने हिस्से की नौकरी देवर को दे दी. वहीं निर्मला कभी एसपी तो कभी डीसी से गुहार के लिए कार्यालय की चक्कर लगा रही है.