गोड्डा:गोड्डा वर्ष 2022 में हादसों के साल के रूप में जाना जाएगा. 2022 के आखिरी में यह डरावना रिकॉर्ड दर्ज किया (Record Accident In Godda) गया है. गोड़्डा ने मौत की सेंचुरी पूरी कर ली है. इन सभी लोगों की मौतें सड़क हादसे में हुई हैं. आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2021 में यह आंकड़ा 75 का था, जो 2022 में 100 को छू लिया है. जिले में 100 वां मौत बलबड्डा थाना क्षेत्र में गझंडा में हुआ है. जिसमें एक कोयला से लदी बाइक गड्ढे में पलट गई और अभय नामक व्यक्ति की मौत हो गई. साथ ही बता दें कि जिले का 99वां मौत भी गझंडा में ही एक दिन पूर्व इसी जगह के पास हुआ था. जिसमें एक अज्ञात वाहन ने बाइक सवार संजय भगत को कुचल दिया था. जिससे उसकी मौत हो गई थी. हर महीने औसतन 8.3 लोगों की सड़क हादसे में मौत होती है.
2022 गोड्डा के लिए हादसों का साल, अब तक 100 लोगों की गई जान
गोड्डा जिले में वर्ष 2022 में रिकॉर्ड सड़क दुर्घटना हुई (Record Accident In Godda) है. जिले में कुल 120 हादसे हुए, जिसमें 100 लोगों की मौत हो गई है. जिसमें ज्यातर युवाओं की मौत हुई है.
प्रशासन की जागरुकता का भी असर नहींः गोड्डा जिला प्रशासन ने कुछ दिन पहले ही सड़क सुरक्षा को लेकर आम लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से रोड सेफ्टी क्रिकेट कप का आयोजन गोड्डा गांधी मैदान में किया था. जिसमें हेलमेट पहन कर ही बाइक चलाने का संदेश दिया गया था. इस दौरान डीसी जीशान कमर और एसपी नाथू सिंह मीणा ने बताया था कि 90 प्रतिशत सड़क दुर्घटना की संभावना नहीं रहती है जब आप हेलमेट लगाकर बाइक चलाते हैं. साथ चार पहिया वाहन में बेल्ट लगाने और नशे में वाहन नहीं चलाने के लिए जागरूक किया गया था. डीसी और एसपी ने इस दौरान सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करने की अपील लोगों से की थी.
हादसों में ज्यादर युवाओं ने गंवायी जानः सड़क दुर्घटनाओं पर गौर करें तो ज्यादातर मौतें युवाओं की (Century Of Death In Road Accident Godda) हुई हैं. वजह तेज रफ्तार और बिना हेलमेट वाहन चलाने की आदत है. इसके अलावे नशा भी हादसों के लिए बड़ी वजह बनी है. पिछले नवंबर माह में जिले में अलग-अलग हादसों में 11 लोगों की जान गई थी. वहीं सर्वाधिक मौतें जून में हुई थी. 13 अप्रैल को 12 और फरवरी में 11 लोगों की विभिन्न हादसों में मौत हुई है. नवंबर में बड़ी घटनाओं में गोड्डा -भागलपुर रोड में हुई घटना थी.जिसमें बाइक सवार के पुल के नीचे गिरने से दो युवक की मौत हो गई थी. ऐसे रोड सेफ्टी का ये मंत्र ही कारगर है कि सेफ ड्राइव-सेफ लाइफ.
एक नजर साल भर के मौत के आंकड़े परः जनवरी माह में सात हादसे हुए, जिसमें चार लोगों ने अपनी जान गंवा दी. वहीं फरवरी में 13 हादसे हुए, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई, वहीं मार्च में 11 हादसे हुए, जिसमें आठ लोगों की जान चली गई, वहीं अप्रैल में 13 हादसे हुए, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई. वहीं मई में कुल 13 हादसे हुए, जिसमें 10 लोगों की जान गई. वहीं जून में 14 हादसे हुए, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई. वहीं जुलाई में कुल छह हादसे हुए, जिसमें आठ लोगों की जान चली गई. अगस्त में कुल सात सड़क दुर्घटना हुई, जिसमें चार लोगों की मोत हो गई. वहीं सितंबर में छह हादसे हुए, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई. वहीं अक्टूबर में 10 हादसे हुए, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई, वहीं नवम्बर में 12 सड़क हादसे हुए, जिसमें 11 लोगों की जान चली गई और दिसंबर में अब तक नौ हादसे हुए, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई.