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माली गांव के आदिवासियों की तरह यहां के विस्थापितों को कुचलना चाहती है सरकार- विजय हांसदा

झारखंड में अक्सर विरोध के स्वर उठते रहते हैं, ताजा मामला गोड्डा का है जहां ग्रामीणों का आरोप है है कि सरकार ऐर प्रशासन के लोग सुंदर जलाशय योजना के लिए जबरन पाइपलाइन बिछाने का काम कर रह हैं. साथ ही विरोध करने पर उनके साथ जोर जबरदस्ती भी की जा रही है.

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Published : Apr 9, 2019, 3:23 AM IST

ग्रामीणों के साथ सांसद

गोड्डा: शहर को पेयजल आपूर्ति के लिए सुंदर जलाशय से पीने का पानी उपलब्ध कराया जाना है. करोड़ों की लागत से बनने वाली इस योजना को पूरा करने के लिए पाइप लाइन बिछाया जाना है. लेकिन इस योजना से विस्थापित आदिवासी परिवार इसका विरोध में खड़े हो गए हैं और इनके समर्थन में राजमहल के जेएमएम सांसद विजय हांसदा भी आ गए हैं.

जानकारी देते सांसद

सुंदर जलाशय पेय जलापूर्ति योजना से प्रभावित परिवारों का कहना है कि उन्हें जमीन के बदले जमीन देने की बात कही गयी लेकिन उन्हें आज तक जमीन नहीं मिली. वहीं, उनके घर पेयजल की सुविधा,शिक्षा और खेतों को पानी नसीब नहीं हुआ. सिर्फ वादे किए गए और अब जिला प्रशासन पुलिस के बल पर जबरन पाइपलाइन बिछाना चाहती है. ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए ये भी कहा कि पुलिस उनके साथ विरोध करने पर जोर जबरदस्ती कर रही है.


वहीं, इसे लेकर बड़ी संख्या में आदिवासियों का जुटान हुआ जिसमें जेएमएम के सांसद विजय हांसदा ने कहा सरकार गोड्डा के अडानी पावर प्लांट निर्माण वाले गांव माली के आदिवासियों की तरह यहां के विस्थापितों को कुचलना चाहती है. इसके लिए राज्य सरकार व जिला प्रशासन को दोषी ठहराते हुए कहा कि अचार संहिता में ऐसे काम गलत है. उसने गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे को भी आड़े हाथो लेते हुए कहा ये सब उनकी और उनके पार्टी की करतूत है.

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