गोड्डा:संथाल परगना प्रमंडल समेत कई जिलों में बोली जाने वाली क्षेत्रीय भाषा अंगिका को झारखंड की प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल नहीं किया गया है. राज्य अंगिका भाषा साहित्य मंच इसका विरोध कर रहा है. इसके विरोध में मंच ने कोर्ट जाने की बात कही है. गौरतलब है कि यह अंगिका भाषा प्राचीन काल से ही अंग जनपद की आम भाषा रही है. जिसमें बिहार के भागलपुर, मुंगेर, पूर्णिया का संथाल और उत्तरी छोटानागपुर का एक बड़ा इलाका शामिल है.
झारखंड की प्रतियोगी परीक्षाओं में अंगिका को हटाए जाने से लोग नाराज, कोर्ट जाने की कही बात - ranchi news
झारखंड की प्रतियोगी परीक्षाओं में क्षेत्रीय भाषा के रूप में अंगिका को हटाए जाने से अंगिका भाषी लोग नाराज हैं. उन्होंने कहा कि वे कोर्ट जाएंगे. उन्हें जन प्रतिनिधियों का भी साथ मिला है. Jharkhand competitive examinations
Published : Nov 11, 2023, 7:48 PM IST
|Updated : Nov 11, 2023, 8:18 PM IST
झारखंड में अंगिका को दूसरी भाषा के रूप में शामिल किया गया है. इसके बाद अंगिका को राज्य परीक्षाओं में भी शामिल किया गया. शुरुआत में टेट परीक्षा आयोजित की गई थी. अंगिका भाषा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने अंगिका भाषा में टेट परीक्षा उत्तीर्ण किया है. लेकिन जब राज्य सरकार नए सहायक शिक्षक और सीजीएल की परीक्षा जेएसएससी के माध्यम से आयोजित कर रही है, तो अंगिका को छोड़ दिया गया है.
दूसरे भाषाओं में परीक्षा देने को मजबूर अभ्यर्थी:इस संबंध में अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच प्रभात के महासचिव डॉ. प्रदीप ने कहा कि यह अंगिका भाषा बोलने वाले छात्रों के साथ अन्याय है. आज मजबूरी में उन्हें खोरठा, नागपुरी आदि अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को न जानने-समझने के बावजूद भी उनकी परीक्षा देनी पड़ रही है. इससे अंगिका भाषा बोलने वाले छात्रों का रिजल्ट प्रभावित हो सकता है. इस मुद्दे पर अंगिका मंच से जुड़े पूर्व विधायक राजेश रंजन और पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने कहा कि झारखंड के कुछ इलाकों से ऐसी शिकायतें आ रही हैं और वे राज्य सरकार से मिलकर इस बारे में बात करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि यह सब स्थानीय झारखंडियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए है, इसलिए इसके लिए अन्य उपाय भी हो सकते हैं.